हेलो दोस्तों, इस ब्लॉग में मै आपको सॉफ्टवेयर बनाने के लिए यूज होने वाले मॉडल के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिसका नाम स्पाइरल मॉडल(Spiral Model) है| इस मॉडल का यूज भी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए किया जाता है|
इस (Spiral Model) मॉडल का नेचर भी प्रोटोटाइप मॉडल जैसा iterative होता है जिसमे एक बड़े सिस्टम को छोटे छोटे पार्ट्स में डिवाइड कर लेते है और उसमे इम्प्लीमेंट एंड टेस्टिंग करते रहते है| और यह मॉडल लीनियर sequential मॉडल की तरह controlled और systematic होता है |
इस स्पाइरल मॉडल (Spiral Model) के द्वारा बनाये गए सॉफ्टवेयर बहुत ही efficient इंक्रीमेंटल versions होते है किसी भी सॉफ्टवेयर के| और इस मॉडल के द्वारा सॉफ्टवेयर को इंक्रेमेन्ट्स की एक सीरीज में डेवेलोप किया जाता है|
स्पाइरल मॉडल (Spiral Model) बहुत सारी framework activities में डिवाइड रहता है| और इन फ्रेमवर्क एक्टिविटीज को टास्क regions के द्वारा denote किया जाता है|
ज्यादातर इसमें six टास्क regions होते है जैसा की आप निचे दिए हुए चित्र में देख सकते है|

स्पाइरल मॉडल (Spiral Model) एक बड़े पैमाने पर सॉफ्टवेयर सिस्टम को बनाने की एक realistic एप्रोच होती है| क्योकि डेवलपर और कस्टमर दोनों ही प्रोब्लेम्स को बहुत अच्छे तरीके से समझते है हर लेवल पर | और इस तरह जो भी रिस्क अथवा प्रॉब्लम होती है उन्हें हर लेवल पर पता करके सही कर लिए जाता है|
इस (Spiral Model) मॉडल के अंतर्गत शुरुआत में एक प्रोडक्ट स्पेसिफिकेशन का निर्माण होता है| और उसके बाद वाले चरण में एक प्रोटोटाइप का डेवलपमेंट होता है| और सबसे अंत में एक बहुत ही उम्दा सॉफ्टवेयर का निर्माण होता है|
प्लानिंग फेज में हम सॉफ्टवेयर का schedule एंड cost को हम प्लान कर सकते है और उसे एडजस्ट भी कर सकते है कस्टमर के द्वारा दिए गए फ़ीडबैक्स से| स्पाइरल मॉडल (Spiral Model) में प्रोजेक्ट एंट्री पॉइंट axis डिफाइन होता है| और यह axis पॉइंट बहुत सरे प्रोजेक्ट्स के स्टार्टिंग पॉइंट को दर्शाती है|
For Instance : कांसेप्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट स्पाइरल के कोर से स्टार्ट होगा और स्पाइरल के पाथ के साथ जारी रहेगा| अगर कांसेप्ट को एक्चुअल प्रोजेक्ट में डेवेलप करना पड़ता है तब एंट्री पॉइंट 2 पर प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रोसेस स्टार्ट होती है| अतः इस एंट्री पॉइंट 2 को हम प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट एंट्री पॉइंट भी कहते है| और प्रोडक्ट के डेवलपमेंट को हम कई चरण में लेते है|
टास्क regions को describe करने की विधि निम्नलिख्ति है|
कस्टमर कम्युनिकेशन: Customer communication
इस रीजन में कस्टमर से बात चीत करने पर जोर दिया गया है|
प्लानिंग: Planning
प्लानिंग के तहत सभी रिसोर्सेज की टाइम लाइन और अन्य सभी प्रोजेक्ट रिलेटेड एक्टिविटीज को निर्धारित करने के लिए कहा गया है|
रिस्क-एनालिसिस: Risk Analysis
इस फेज में टेक्निकल और मैनेजमेंट की रिस्क को देखा और परखा जाता है|
इंजीनियरिंग: Engineering
इस रीजन में एप्लीकेशन के एक या एक से अधिक रिप्रजेंटेशन बनाये जाते है|
कंस्ट्रक्ट एंड रिलीज़: Construct and release
इस टास्क रीजन में वो सभी टास्क जो की जरुरी होती है कंस्ट्रक्शन के लिए, टेस्टिंग के लिए, एंड एप्लीकेशन को इनस्टॉल करने के लिए और चलने के लिए | कुछ टास्क जो की यूजर सपोर्ट के लिए जरुरी होती है वो भी इसी टास्क रीजन में होती है|
कस्टमर इवैल्यूएशन: Customer Evaluation
जो कस्टमर फीडबैक होता है उसे हम कस्टमर के द्वारा प्राप्त करते है जब कस्टमर एप्लीकेशन को evaluate करता है और चला कर देखता है | और यह सब प्रोसेस इंस्टालेशन स्टेज में होती है जब एप्लीकेशन को इनस्टॉल किया जाता है|
प्रत्येक रीजन में कई सारी वर्क tasks होती है जिनका क्रियान्वन प्रोजेक्ट की characteristic पर देपेंद करता है| जैसे की एक छोटे प्रोजेक्ट के लिए बहुत थोड़े वर्क टास्क उसे किये जाते है| और एक बड़े और काम्प्लेक्स प्रोजेक्ट के लिए एक बड़ी मात्रा में वर्क टास्क यूज किये जा सकते है|
स्पाइरल मॉडल में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की टीम स्पाइरल के चारो तरफ घडी की दिशा में घूमती है स्पाइरल के कोर से शुरू करते हुए|
एडवांटेज ऑफ़ स्पाइरल मॉडल: Advantage of Spiral Model
स्पाइरल मॉडल में अगर requirement चेंज होती है तो उसे हम किसी भी स्टेज में चेंज कर सकते है |
प्रोजेक्ट में आने वाली रिस्क को पहले ही पता करके सही कर दिया जाता है इसे पहले की वो कोई प्रॉब्लम खड़ी करे
ड्रॉबैक्स ऑफ़ स्पाइरल मॉडल: Drawbacks of Spiral Model
इस मॉडल का जो बेस पॉइंट है है वो है कस्टमर के साथ कम्युनिकेशन, अगर कम्युनिकेशन सही नहीं हुआ तो फिर बनने वाला सॉफ्टवेयर निर्धारित माप दंड पर खरा नहीं उतरेगा|
यह मॉडल प्रोजेक्ट में आने वाली हर रिस्क को पता करके रखता है अथवा खोज के रखता है और अगर यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में जोखिम को पता करने का काम प्रॉपरलय किया जाता है तब जाके हम एक सफल प्रोडक्ट प्राप्त कर पाएंगे|
इस ब्लॉग को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते a5theorys@gmail.com पर ईमेल लिख सकते है|
आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट ‘Spiral Model for software development’ को खूब एन्जॉय किया होगा|
आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|
आपका समय शुभ हो|