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Compare and contrast the important life cycle models in Hindi: लाइफ साइकिल मॉडल्स इन हिंदी?

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हेलो दोस्तों इस ब्लॉग(Compare and contrast the important life cycle models in Hindi) में मै आपको सॉफ्टवेयर लाइफ साइकिल मॉडल्स(life cycle models in Hindi) के बीच में डिफरेंस बताने जा रहा हूँ| जिससे आप इन सभी सॉफ्टवेयर को बनाने की लिए यूज होने वाले लाइफ साइकिल मॉडल्स(life cycle models) के बीच का अंतर बहुत अच्छे से समझ पाएंगे| यह डिफरेंस हम एक टेबल बनाकर बता रहे है जिससे की आपको तुरंत कम्पेयर करने में आसानी होगी|

Compare and contrast the important life cycle models in Hindi:

Comparison of different software life cycle models in Hindi In tabular form.

Waterfall ModelSpiral ModelPrototype ModelIncremental model
In this life cycle models रिक्वायरमेंट्स को बहुत अच्छे से समझा ही जाना चाहिए और शुरुआत में ही डिफाइन होना चाहिए इस मॉडल (life cycle models) में रेक्विरेमेंट अक्सर ही बदल जाती है हर एक चक्कर कम्पलीट होने के साथ इसलिए हम रेक्विरेमेंट कलेक्ट करने और एनालिसिस का काम हर चक्कर में कर सकते है |इस मॉडल(life cycle models) में रिक्वायरमेंट्स एंड एनालिसिस हम बाद की स्टेज में भी कर सकते है डेवलपमेंट प्रोसेस के दौरान क्योकि इस मॉडल में रेक्विरेमन्ट्स अक्सर चेंज हो जाती है|इस मॉडल (life cycle models) में रिक्वायरमेंट्स एंड एनालिसिस डेवलपमेंट साइकिल की बाद की स्टेज में बनाई जा सकती है |
इस टाइप के प्रोसेस मॉडल के लिए हमें ऐसी डेवलपमेंट टीम चुन्नी चाहिए जिसे इसी तरह के प्रोजेक्ट का पर्याप्त अनुभव हो | ऐसी डेवलपमेंट टीम जिसे इस जैसे प्रोजेक्ट के काम का कम एक्सपीरियंस होता है, उसे भी इस प्रोसेस मॉडल में काम करने की अनुमति मिल सकती है |ऐसी डेवलपमेंट टीम जिसे इस जैसे प्रोजेक्ट का कम एक्सपीरियंस होता है, उसे भी इस प्रोसेस मॉडल में काम करने की अनुमति है |इस टाइप के प्रोसेस मॉडल के लिए हमें ऐसी डेवलपमेंट टीम चुन्नी चाहिए जिसे इसी तरह के प्रोजेक्ट का पर्याप्त अनुभव हो |
इस पूरी प्रोसेस में यूजर का कोई भी इन्वॉल्वमेंट नहीं है |डेवलपमेंट प्रोसेस के सभी फेज में यूजर का कोई भी इन्वॉल्वमेंट नहीं होता|इस मॉडल की डेवलपमेंट प्रोसेस के हर फेज में यूजर का इन्वॉल्वमेंट है|डेवलपमेंट प्रोसेस की हर फेज में यूजर का इन्वॉल्वमेंट होता है |
जब रेक्विरेमेंट बहुत अच्छे से पता हो और डेवलपमेंट भी एक लीनियर एफर्ट के लिए सलाह दे तब हमें वॉटरफॉल मॉडल (life cycle models) चुनना चाहिए |चूकि इस मॉडल का नेचर iterative होने के कारन इस में आने वाली सभी रिस्क को पहले ही पता करके सही कर लिया जाता है, इससे पहले की वो कोई प्रॉब्लम कड़ी करे| इसलिए इस मॉडल (life cycle models) को ऐसे प्रोजेक्ट के लिए यूज किया जाता है जहा रियल टाइम प्रॉब्लम होने के चांस ज्यादा हो|जब कोई डेवलपर किसी अल्गोरिथम की एफिशिएंसी पर कॉंफिडेंट न हो या फिर ऑपरेटिंग सिस्टम की अडाप्टेबिलिटी पर तब इस मॉडल (life cycle models) का चयन सॉफ्टवेयर को डिज़ाइन करने के लिए किया जाता है|जब रेक्विरेमेंट अच्छी तरह से पता हो और डेवलपमेंट एफर्ट एक प्योर लीनियर एफर्ट की सलाह देता हो और जब हमें एक सॉफ्टवेयर फंक्शनलिटी के लिमिटेड सेट की जल्दी जरुरत हो तब इंक्रीमेंटल मॉडल (life cycle models) को यूज किया जाता है|

SDLC Model से रिलेटेड कुछ और अमेजिंग पोस्ट आप नीचे दिए हुए blog लिंक की मदद से पढ़ सकते है:

What is the Spiral Model In Hindi…

Rapid Application Development Model in Hindi…

Incremental Model In Software Engineering in Hindi…

Waterfall model in Hindi…

Difference between waterfall and prototype Model in Hindi…

What is the Prototype Model in Hindi…

Waterfall Model Advantages & Disadvantages in Hindi…

इस ब्लॉग(Compare and contrast the important life cycle models in Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते a5theorys@gmail.com पर ईमेल लिख सकते है|

आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट ‘Compare and contrast the important life cycle models in Hindi’को खूब एन्जॉय किया होगा|

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आपका समय शुभ हो|

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