Incremental Model In Software Engineering in Hindi? इंक्रीमेंटल मॉडल क्या होता है?

हेलो दोस्तों, इस ब्लॉग में मै आपको इंक्रीमेंटल मॉडल(Incremental Model In Software Engineering in Hindi) के बारे में बताने वाला हूँ, जिसका उपयोग सॉफ्टवेयर सिस्टम को बनाने में होता है| इंक्रीमेंटल मॉडल (Incremental Model) में वो सारी फेज होती है जो कि वाटरफॉल मॉडल में होती है| लेकिन इंक्रीमेंटल मॉडल का नेचर iterative होता है| इंक्रीमेंटल मॉडल के फेज निम्नलिखित है|

एनालिसिस(Analysis)
डिज़ाइन(Design)
कोड(Code)
टेस्ट(Test)

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Incremental Model In Software Engineering in Hindi

इंक्रीमेंटल मॉडल Incremental Model In Software Engineering in Hindi) कस्टमर्स को सॉफ्टवेयर रिलीज़ कि एक सीरीज उपलब्ध करवाता है| और इन रिलीज़ को हम इन्क्रीमेंट भी कहते है| हर इन्क्रीमेंट के साथ ज्यादा ज्यादा फंक्शनलिटी जुड़ी रहती है|

सबसे पहले इन्क्रीमेंट को हम कोर प्रोडक्ट कहते है| इस रिलीज़ में बेसिक रेक्विरेमेंट को पूरा किया जाता है, और फिर इसके बाद वाले इंक्रेमेन्ट्स में हम और सारी रिक्वायरमेंट्स जोड़ते जाते है|

वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर को इस इंक्रीमेंटल मॉडल (Incremental Model) का एक उदाहरण माना जा सकता है| जिसके पहले इन्क्रीमेंट में केवल डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग की सुविधा रहती है|

और इसके बाद इसके दूसरे इन्क्रीमेंट में और भी जटिल डॉक्यूमेंट की प्रोसेसिंग और फाइल को मैनेज करने का सिस्टम दिया गया| और इसके अगले इन्क्रीमेंट में स्पेलिंग एंड ग्रामर चेकिंग सुविधा दी गयी|

तो कुलमिलाकर इस इंक्रीमेंटल मॉडल (Incremental Model) में हर रिलीज़ के साथ कुछ और फंक्शन और सुविधा को जोड़ा जाता है जिससे की यूजर का काम और भी आसान हो जाये|

हमें इस इंक्रीमेंटल मॉडल (Incremental Model In Software Engineering in Hindi) का चयन कब करना चाहिए?

जब सभी रिक्वायरमेंट्स पूरी और सही तरह से डिफाइन की गयी हो|
जब सिर्फ केवल लीनियर एफर्ट की जरुरत हो किसी भी सॉफ्टवेयर को डेवेलोप करने के लिए|
जब सिमित सॉफ्टवेयर फंक्शनलिटी की तुरंत जरुरत हो|

मेरिट्स ऑफ़ इंक्रीमेंटल मॉडल: Merits of Incremental Model

जब हमारे पास प्रोजेक्ट में काम करने के लिए कम लोग उपलब्ध हो, तब हम इस इंक्रीमेंटल मॉडल (Incremental Model) को यूज कर सकते है|
किसी भी तरह की टेक्निकल रिस्क को हर इन्क्रीमेंट के साथ मैनेज किया जा सकता है|

बहुत थोड़े समय के लिए पर हम कोर प्रोडक्ट कस्टमर को डिलीवर कर सकते है|

SDLC Model से रिलेटेड कुछ और अमेजिंग पोस्ट आप नीचे दिए हुए blog लिंक की मदद से पढ़ सकते है:

What is Spiral Model In Hindi…

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What is Prototype Model in Hindi…

Waterfall model Advantages & Disadvantages in Hindi…

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आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट ‘Incremental Model In Software Engineering in Hindi‘ को खूब एन्जॉय किया होगा|

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आपका समय शुभ हो|

Anurag

I am a blogger by passion, a software engineer by profession, a singer by consideration and rest of things that I do is for my destination.