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Rapid Application Development Model in Hindi (RAD Model)? रेड मॉडल क्या है?|RAD Model In Hindi.

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हेलो दोस्तों, इस ब्लॉग(Rapid Application Development Model in Hindi) में मै आपको रैपिड एप्लीकेशन डेवलपमेंट मॉडल(RAD Model- RAD model in Software Engineering in hindi) के बारे में बताने वाला हूँ| यह भी सॉफ्टवेयर सिस्टम को बनाने का एक मॉडल अथवा प्रोसीजर है|RAD Model In Hindi

रैपिड एप्लीकेशन डेवलपमेंट मॉडल(RAD Model- Rapid Application Development Model in Hindi) इंक्रीमेंटल सॉफ्टवेयर प्रोसेस अथवा इंक्रीमेंटल मॉडल का एक टाइप है| इस मॉडल की डेवलपमेंट प्रक्रिया बहुत ही छोटी होती है|RAD Model In Hindi

यह मॉडल(Rapid Application Development Model in Hindi) वाटरफाल मॉडल(Waterfall model) के जैसे ही है| जिसमे हम कॉम्पोनेन्ट कंस्ट्रक्शन की मदद से बड़ी तीव्रता से डेवलपमेंट कर लेते है|

बहुत काम समय में रैपिड एप्लीकेशन मॉडल(RAD Model) का यूज करके एक पूरी तरह से फंक्शनल सिस्टम बनाने के लिए और प्रोजेक्ट को सीमित रखने के लिए हमें सॉफ्टवेयर की रेक्विरेमेंट अथवा जरुरत को अच्छी तरह से समझना होगा |RAD Model In Hindi|

RAD Model In Hindi: Rapid Application Development Model in Hindi

RAD(Rapid Application Development Model in Hindi) मॉडल के फेज(RAD model has how many phases): Various Phases of RAD Model/ What are the different phases of rapid application development model?|RAD Model In Hindi?

बिज़नेस मॉडलिंग: Business Modeling

बिज़नेस मॉडल में इनफार्मेशन का फ्लो बनता है बहुत सरे छोटे छोटे बिज़नेस फंक्शन में| और ये बिज़नेस फंक्शन निम्नलिखित सूचना इक्कठी करते है |

सूचना जिससे बिज़नेस प्रक्रिया का प्रवाह बनता है|(Information that derives the business process)

सूचना के कई प्रकार जो की उत्पन्न होते है|(The types of information being generated)

सूचना का स्रोत (The generator of information)

सूचना का प्रवाह (The Information flow)

सूचना का प्रोसेसर(The processor of information)

डाटा मॉडलिंग: Data Modeling

इस फेज में जो इनफार्मेशन बिज़नेस मॉडल से उत्पन्न होती है उसे क्लासिफाइड किया जाता है डाटा ऑब्जेक्टस में | डाटा ऑब्जेक्ट्स की विशेषताए Identified की जाती है | और कई डाटा ऑब्जेक्ट्स के आपस के रिलेशन को ज्ञात किया जाता है |

प्रोसेस मॉडलिंग: Process Modeling

इस फेज में जितने भी डाटा ऑब्जेक्ट्स होते है उन्हें प्रोसेस में परिवर्तित किया जाता है| यह प्रोसेसेज डाटा ऑब्जेक्ट्स से इनफार्मेशन निकालने के लिए और बिज़नेस फंक्शन को इम्प्लीमेंट करने के लिए रेस्पोंसिबल होती है|

एप्लीकेशन जनरेशन: Application Generation

एक सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए बहुत सरे ऑटोमेशन टूल्स का यूज किया जा सकता है, रेड भी रईयूसाबले कॉम्पोनेन्ट का यूज करता है अथवा वो रेसुअबले कॉम्पोनेन्ट बनता है जो की रैपिड डेवलपमेंट कर सके किसी सॉफ्टवेयर का |


टेस्टिंग एंड टर्नओवर : Testing and Turnover

जैसा की हमने पहले पढ़ा है की RAD reusable component का यूज करता है जिससे की टेस्टिंग का ओवरहेड और एफर्ट काम हो जाता है | पर अगर सॉफ्टवेयर में कोई नया कॉम्पोनेन्ट जोड़ा जाता है तो उसकी टेस्टिंग की जरुरत होती है | सभी इंटरफ़ेस को बराबरी से टेस्ट करना महत्ववूर्ण है|

RAD model(RAD Model In Hindi) advantages and disadvantages?

ड्रॉबैक्स ऑफ़ रैपिड एप्लीकेशन डेवलपमेंट: Drawbacks of rapid application Development model (RAD-rapid-application-development-model-in-hindi)?

इस रैपिड एप्लीकेशन मॉडल(RAD Model) में एक बड़ी टीम और बहुत सारे लोगो की जरुरत पड़ती है एक स्केलेबल प्रोजेक्ट के लिए |

इस रैपिड डेवलपमेंट मॉडल (RAD Model) में बहुत ज्यादा कमिटेड डेवेलपर्स और कस्टमर्स की जरुरत पड़ती है | और अगर कमिटमेंट में कुछ कमी होती है तो यह रेड मॉडल fail हो सकता है|

इस रैपिड डेवलपमेंट (RAD Model) मॉडल के तहत बनने वाले प्रोजेक्ट्स में बहुत हैवी रिसोर्सेज की जरुरत होती है|

जहा पर पर्याप्त मॉडुलरिज़शन(Modularized) नहीं होता वह पर यह मॉडल फेल हो जाता है| ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए परफॉरमेंस एक प्रॉब्लम बन जाती है|
ऐसे प्रोजेक्ट्स जो की रेड मॉडल यूज कर रहे है उनके लिए नयी टेक्नोलॉजी अडॉप्ट करना मुश्किल हो जाता है|

किन किन परिस्थिति में रैपिड डेवलपमेंट मॉडल (RAD Model) का यूज किया जाता है? When do we need to use RAD(Rapid application model)?/ Where is Rapid Application Development used?

रैपिड डेवलपमेंट मॉडल (RAD Model) उपर्युक्त है सूचना तंत्र से सम्बंधित एप्लीकेशन बनाने के लिए, बिज़नेस एप्लीकेशन बनाने के लिए, और ऐसे सारे सिस्टम जिन्हे निम्नलिखित तरीको से मॉडुलरिजे(Modularize) किया जा सके|

यह मॉडल बिलकुल वॉटरफॉल मॉडल जैसा है लेकिन यह बहुत छोटी डेवलपमेंट साइकिल रखता है|

यह कॉम्पोनेन्ट बेस्ड कंस्ट्रक्शन यूज करता है | और reuse और कोड जनरेशन पर जोर देता है |

यह मॉडल बहुत सारी टीम का उपयोग करता है स्केलेबल प्रोजेक्ट्स के लिए|


यह मॉडल उन प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत ही अच्छा है जहा पर टेक्निकल रिस्क बहुत कम होती है|
रैपिड डेवलपमेंट मॉडल में हैवी रिसोर्सेज की जरुरत पड़ती है|

SDLC Model से रिलेटेड कुछ और अमेजिंग पोस्ट आप नीचे दिए हुए blog लिंक की मदद से पढ़ सकते है:

What is Spiral Model In Hindi…

Rapid Application Development Model in Hindi…

Incremental Model In Software Engineering in Hindi…

Waterfall model in Hindi…

Difference between waterfall and prototype Model in Hindi…

What is Prototype Model in Hindi…

Waterfall model Advantages & Disadvantages in Hindi…

Conclusion:

तो दोस्तों, इस ब्लॉग पोस्ट(Rapid Application Development Model in Hindi) में हमने रेड मॉडल(RAD model in Software Engineering in Hindi) के बारे में बहुत विस्तार से जाना हमने जाना कि What are the RAD model advantages and disadvantages, हमने जाना कि RAD model has how many phases and etc|RAD Model In Hindi|

इस ब्लॉग को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते a5theorys@gmail.com पर ईमेल लिख सकते है|RAD Model In Hindi|

आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट ‘RAD Model(rapid-application-development-model-in-hindi)’ को खूब एन्जॉय किया होगा|RAD Model In Hindi|

आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|RAD Model In Hindi|

आपका समय शुभ हो|

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