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What Is SDLC In Hindi?/Software Development Life Cycle Kya Hai?

What is sdlc process in hindi

What is sdlc process in hindi

हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट(What Is SDLC In Hindi) में हम SDLC के बारे में हिंदी में जानकारी देंगे |

SDLC(What Is SDLC In Hindi) का फुल फॉर्म होता है software development life cycle |

जैसे कि इसके फुल फॉर्म से ही यह clear होता है कि SDLC software(What Is SDLC In Hindi) को डेवेलोप करने की एक प्रोसेस है |

दोस्तों जब भी आप अपनी graduation में कंप्यूटर से रिलेटेड कोई भी डिप्लोमा अथवा डिग्री कर रहे होते है|What Is SDLC In Hindi|

जैसे मान लीजिये आप आईटी अथवा कस ब्रांच से इंजीनियरिंग कर रहे है |What Is SDLC In Hindi|

तब इस केस में आपको सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का भी नॉलेज दिया जाता है |What Is SDLC In Hindi|

और आपके minor और major प्रोजेक्ट में आपको छोटा अथवा मध्यम रेंज का सॉफ्टवेयर डेवेलोप करके प्रेजेंट करना होता है |

इन्हे हम कॉलेज लेवल प्रोजेक्ट भी कहते है |

पर अक्सर होता यह है कि स्टूडेंट्स लोग बाहर मार्किट से प्रोजेक्ट खरीद कर|

और उसके बारे में थोड़ा बहुत पढ़कर अपना प्रोजेक्ट viva क्लियर कर लेते है |

पर यह बिलकुल भी सही नहीं है |

इससे तो अच्छा है की आप जितना हो उतना प्रोजेक्ट बनाये पर बनाये खुद से|

हाँ अगर आप चाहे तो इसमें किसी बहार वाले या अपने ही टीचर्स की मदद ले सकते है |

पर maximum efforts आपका होना चाहिए |What Is SDLC In Hindi|

और सॉफ्टवेयर डेवेलोप करने के लिए हमें SDLC की जरुरत होती है |

क्योकि इसी SDLC को फॉलो करते हुए हमें अपने प्रोजेक्ट को बनाना होता है |

तो दोस्तों SDLC में कई सारी phase होती है जिन्हे हम नीचे एक एक करके आपको exaplain कर रहे है |

और यदि आप इन सभी stages को एक एक करके फॉलो करेंगे तो फिर आप कोई भी सॉफ्टवेयर को आसानी से डेवेलोप कर सकते है |

problem statement :

इसका मतलब यह है कि हमें सबसे पहले अपने प्रोजेक्ट का प्रॉब्लम स्टेटमेंट पता होना चाहिए |

जैसे कि हम किस चीज़ के ऊपर प्रोजेक्ट बना रहे है |

मान लीजिये हमें एक टॉपिक मिला लाइब्रेरी मैनेजमेंट, या फिर यह हमें एक प्रॉब्लम स्टेटमेंट के रूप में भी मिल सकता है |

requirement gathering :

यहाँ पर हम लाइब्रेरी मैनेजमेंट के सन्दर्भ में ही अपने SDLC प्रोसेस की बात करेंगे |

तो सबसे पहले आपका टॉपिक decide हो गया है, अब इसके बाद का स्टेप है आपको अपने टॉपिक से रिलेटेड सारी इनफार्मेशन gather करनी है |

तो इसके लिए आप अपनी लाइब्रेरी को विजिट कर सकते है और वहां पर मैन्युअल चलने वाले सिस्टम को देख सकते है observe कर सकते है |

की अभी बुक्स को लाइब्रेरी में कैसे मांगते है और कैसे उन्हें डिस्ट्रीब्यूट करते है |

और इसके बारे में आप अपने लाइब्रेरी incharge से भी चर्चा करके इनफार्मेशन को इकठ्ठा कर सकते है |

identify entity :

information gather करने के बाद जो अगला स्टेप आता है वो है identity entity|

जो भी इनफार्मेशन हमने लाइब्रेरी सिस्टम के बारे में कलेक्ट की है उसमे से हमें पॉसिबल entity को छांट लेना है |

मतलब किस किस चीज़ को हम एक टेबल बना सकते है |

जैसे लाइब्रेरी के केस में हमने जो पॉसिबल एंटिटी find आउट की है वो है लाइब्रेरी, बुक्स, लाइब्रेरी कार्ड, स्टूडेंट, etc |

और यही से हमारे डटबसे डिज़ाइन की प्रोसेस चालू हो जाती है |

functional requirement :

अब हमने जितनी भी एंटिटी को find आउट किया है अब हम उन सब के बीच फंक्शनल डिपेंडेंसी identify करेंगे |

और फिर इसी बेस पर हम उनमे primary के और foreign key को assing करेंगे |

और एक बार हमर डेटाबेस बनकर रेडी हो गया तो समझ लो की हमने वेबसाइट डेवलपमेंट…

…अथवा किसी भी software डेवलपमेंट का 60 % काम पूरा कर लिया है |

web design :

डेटाबेस डिज़ाइन के बाद जो अगला स्टेप्स होता है उसमे हम वेब डिज़ाइन अथवा फ्रंट एन्ड डिज़ाइन करते है |

और सभी पॉसिबल मॉडल बनाकर हम उसकी डिजाइनिंग चालू कर देते है |

टेस्टिंग(Testing):

एक बार सॉफ्टवेयर बनकर रेडी हो गया तो फिर हम इसकी टेस्टिंग करते है |

टेस्टिंग हम कई प्रकार की कर सकते है | यहाँ पर हम syntax और symantic दोनों errors को ढूंढ निकालते है |

कहने का मतलब सिंटेक्स के साथ साथ हम लॉजिक कि टेस्टिंग भी करते है कि वो सही से लगे है या फिर नहीं |

लांच और पब्लिश(Launch and Publish):

एक बार टेस्टिंग पूरी होने पर सॉफ्टवेयर मार्किट में लाइव लांच के लिए तैयार हो जाता है |

और हम सभी प्रोजेक्ट फाइल को live server पर अपलोड करके|

और जरुरी configuration करके जैसे कि डेटाबेस कि कनेक्टिविटी, उसे पब्लिक के लिए लांच कर देते है |

maintenance :

इसके बाद हमें सॉफ्टवेयर में समय के साथ मेंटेनेंस का काम भी काम करना होता है|

जिसमे हम कुछ error फंक्शनलिटी को फिक्स करते है और कुछ नयी फंक्शनलिटी को अपडेट करते है |

और यह process सतत चलता रहता है जैसे जैसे नयी requirement आती रहती है |

Software Engineering से रिलेटेड कुछ और अमेजिंग पोस्ट आप नीचे दिए हुए blog लिंक की मदद से पढ़ सकते है:

Software Engineering In Hindi…

What Is SDLC In Hindi…

Software Maintenance Issues in Hindi…

What is Requirement engineering in Hindi…

White Box Testing in Hindi…

What are the goals of software engineering…

Conclusion:

तो दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट(What Is SDLC In Hindi) में हमने SDLC प्रोसेस को step by step देखा और समझा कि कैसे हम एक सॉफ्टवेयर को डेवेलोप करते है | दोस्तों सॉफ्टवेयर को डेवेलोप करने के लिए आपको किसी एक डेटाबेस और कुछ लैंग्वेज जैसे की HTML , CSS , PHP , java script का नॉलेज तो होना ही चाहिए पर आपको सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की प्रोसेस पता होना भी उतना ही जरुरी है | नहीं तो आप सब कुछ आते हुए भी सॉफ्टवेयर को अच्छी तरह से डेवेलोप नहीं कर पाएंगे |

इस ब्लॉग(What Is SDLC In Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते support@a5theory.comपर ईमेल लिख सकते है|

आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट(What Is SDLC In Hindi) को खूब एन्जॉय किया होगा|

आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|

आपका समय शुभ हो|

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