Software Engineering In Hindi.

हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट(Software Engineering In Hindi) में हम आपको Software engineering के ऑब्जेक्टिव अथवा goals के बारे में डिसकस करने वाले है |

Software engineering जो है वो Software को डेवेलोप करने कि पूरी process होती है|Software Engineering In Hindi|

इस ब्लॉग पोस्ट में हम देखेंगे की जब भी कोई सॉफ्टवेयर को डेवेलोप किया जाता है|Software Engineering In Hindi|

तो सबसे पहले किन parameters और benchmark को दिमाग में रखते है |Software Engineering In Hindi|

इस ब्लॉग के माध्यम से हम सीखेंगे कि एक सॉफ्टवेयर के बेसिक फीचर्स और ओब्जेक्टिवेस क्या क्या होते है |

जैसे कि आप नीचे दी गयी इमेज को देख सकते है |Software Engineering In Hindi|

इस इमेज में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के गोल्स को रिप्रेजेंट किया गया है|

जो कि किसी भी सॉफ्टवेयर को डेवेलोप करने के पहले निर्धारित किये जाते है |Software Engineering In Hindi|

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Software Engineering In Hindi

User Satisfaction :

Software engineering के गोल्स में से यह सबसे पहला और सबसे important goal है जिसे हम user satisfaction के नाम से जानते है |

आप कोई भी सॉफ्टवेयर बना लीजिये पर अगर यूजर उससे satisfy नहीं है तो फिर आपकी पूरी मेहनत बेकार हो जाती है |

इसलिए कोई भी सॉफ्टवेयर बनाते समय हमें इस बात पर एक अच्छा डिस्कशन करना चाहिए|

कि जो भी सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है वह हर तरीके से यूजर के लिए useful और use करने में सिंपल हो |

क्योकि अक्सर Software डेवेलोप करते समय बहुत से प्रोग्रामर अपनी प्रोग्रामिंग पर फोकस ज्यादा रखते है|

और कभी कभी बहुत जल्दी ही सॉफ्टवेयर को डेवेलोप कर देते है|

जबकि वह यूजर अथवा end यूजर की एक्चुअल requirement को ध्यान में नहीं रखते है |

इससे होता क्या है कि सॉफ्टवेयर का एक improper फ्लो डेवेलोप हो जाता है |

और इससे यूजर भी satisfy नहीं रहता है | इस केस में प्रोग्रामर की मेह्नत बेकार हो जाती है और यूजर का विश्वास खत्म हो जाता है |

और अब अगर प्रोग्रामर इस सॉफ्टवेयर को दुबारा से बनाता है|

या फिर कोड को रिपेयर करता है तो इसमें प्रोग्रामर का overhead और बढ़ जाता है |

Low maintenance cost :

यह Software engineering का तीसरा goal अथवा objective है |

और इस maintenance प्रोसेस में अगर प्रोग्राम अथवा सॉफ्टवेयर में कोई भी bug और छोटी मोटी समस्या होती है|

जिसका फीडबैक यूजर और end यूजर द्वारा दिया जाता है|

तो फिर इस प्रॉब्लम को बहुत जल्दी ही आसानी से साथ डेवलपर फिक्स कर देते है|

पर इसके लिए यह बिलकुल भी नहीं होता है कि हम सॉफ्टवेयर को restructure अथवा फिर से बनाना चालू कर दे |

Delivery on time :

यह Software engineering का चौथा goal है |

सॉफ्टवेयर डिलीवरी टाइम बहुत ही ज्यादा matter करता है specially जब आप कोई सॉफ्टवेयर को अपने कस्टमर अथवा क्लाइंट को डिलीवर करने वाले है |

यह बात सही है कि किसी भी सॉफ्टवेयर को कम्पलीट करने का कोई exact टाइम नहीं बताया जा सकता है |

पर फिर भी अगर आप अपने पूरे project को छोटे छोटे मॉडल में डिवाइड कर ले…

… और फिर हर एक मॉडल का एक एस्टिमेटेड completion टाइम अपने क्लाइंट को बता दे|

तो फिर यह प्रोसेस एक systematic और authentic प्रोसेस रहती है |

और अगर आप अपनी extimated डेडलाइन में क्लाइंट सॉफ्टवेयर को डिलीवर कर देते है|

तो इससे आपकी इमेज क्लाइंट के नज़र में और भी अच्छी हो जाती है जो कि future बिज़नेस के लिए एक बहुत अच्छा sign है |

Low Production cost :

अगर कोई Software प्रोडक्ट अच्छा होने के साथ साथ cost effective भी है|

तो फिर यह यूजर का अथवा क्लाइंट का सबसे ज्यादा ध्यान खींचता है |

और अगर यूजर किसी सॉफ्टवेयर से satisfy हो जाते है और उस सॉफ्टवेयर की कॉस्ट भी ज्यादा नहीं होती है|

तो फिर क्लाइंट ऐसे सॉफ्टवेयर को खरीदने में बिलकुल भी देर नहीं करते है |

High performance :

एक सॉफ्टवेयर की परफॉरमेंस measure करने के लिए हम उस सॉफ्टवेयर की speed और memory consumption देखते है |

इसलिए सॉफ्टवेयर develop करते समय हमें इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए|

कि सॉफ्टवेयर जो है वो minimal memory में रन हो सके और उसकी execution speed अच्छी हो |

अगर यह क्वालिटी आपके सॉफ्टवेयर में होती है तो फिर आप यह मान कर चलिए|

आपका सॉफ्टवेयर यूजर और मार्किट के बीच में डिमांडिंग प्रोडक्ट बन जायेगा |

Ease Of Reuse :

अगर हम किसी भी बड़े Software की एक छोटी सी यूनिट develop कर रहे है|

या फिर module develop कर रहे है तो फिर हमें इस बात का बहुत ध्यान देना चाहिए कि हमारा यह कोड reusable हो |

जिससे अगर जरुरत पड़े तो इस कोड के हिस्से को हम किसी अन्य सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट|

अथवा इसी सॉफ्टवेयर में आगे same functionality के लिए use कर सके|

इस काम को करने से हम बहुत सारी memory , money और efforts को save कर लेंगे|

जो हमें किसी और Software को develop करने के काम आएगा |

Software Engineering से रिलेटेड कुछ और अमेजिंग पोस्ट आप नीचे दिए हुए blog लिंक की मदद से पढ़ सकते है:

Software Engineering In Hindi…

What Is SDLC In Hindi…

Software Maintenance Issues in Hindi…

What is Requirement engineering in Hindi…

White Box Testing in Hindi…

What are the goals of software engineering…

इस ब्लॉग(Software Engineering In Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते support@a5theory.comपर ईमेल लिख सकते है|

आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट को खूब एन्जॉय किया होगा|Software Engineering In Hindi|

आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|Software Engineering In Hindi|

आपका समय शुभ हो|

Anurag

I am a blogger by passion, a software engineer by profession, a singer by consideration and rest of things that I do is for my destination.