हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग में मै आपको रेक्विरेमेंट इंजीनियरिंग(requirement engineering in Hindi)और रेक्विरेमेंट एनालिसिस (Requirement Analysis)के बारे में बताने वाला हूँ |
जो कि SDLC का पहला फेज होता है| इस फेज में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट करने के लिए जानकारी एकत्रित करते है | रेक्विरेमेंट इंजीनियरिंग(requirement engineering in Hindi) में principles का सिस्टेमेटिक यूज है |
(Requirement engineering in Hindi)इसमें techniques एवं tool है जो कि काम आते है एक कॉस्ट इफेक्टिव एनालिसिस के लिए | इसमें डॉक्यूमेंटेशन और यूजर की जरुरत है |
सॉफ्टवेयर इंजीनियर एंड कस्टमर दोनों ही एक एक्टिव role अदा करते है इस रेक्विरेमेंट इंजीनियरिंग (requirement engineering) में |
कहने का मतलब की रेक्विरेमेंट इंजीनियरिंग(requirement engineering in Hindi) में दोनों की भागीदारी सक्रिय रहती है |
रेक्विरेमेंट इंजीनियरिंग(Requirement engineering in Hindi) क्या होता है? / What is the requirement engineering process?
रिक्वायरमेंट्स(requirement engineering)एक तरह से विस्तृत लेखा जोखा होता है सिस्टम की सर्विस का और कुछ बाध्यताओं का जो की रेक्विरेमेंट इंजीनियरिंग प्रोसेस के दौरान एकत्रित की जाती है |
रेक्विरेमेंट(requirement) क्या है? / Requirements engineering example
रेक्विरेमेंट(requirement) किसी सर्विस अथवा सिस्टम constraint की हाई लेवल abstract statement से डिटेल मैथमेटिकल functional specification तक रेंज कर सकती है |
रेक्विरेमेंट(requirement) को हमेशा इंटरप्रिटेशन के लिए ओपन होना ही चाहिए, और रेक्विरेमेंट हमेशा डिटेल में होनी चाहिए|
रेक्विरेमेंट(requirement) के प्रकार निम्नलिखित है / Types of requirement engineering?
यूजर रेक्विरेमटंस: User Requirement
यह यूजर के द्वारा दिए हुए स्टेटमेंट का कलेक्शन होता है, जिसमे ली जाने वाली सर्विस का डिस्क्रिप्शन भी होता है |
सिस्टम रिक्वायरमेंट्स: System Requirement
यह सिस्टम द्वारा दी जाने वाली सर्विस का विस्तृत वर्णन होता है | कुल मिलाकर यह क्लाइंट और कांट्रेक्टर के बीच का अनुबंध होता है |
सॉफ्टवेयर स्पेसिफिकेशन: Software Specification
यह सॉफ्टवेयर के डिज़ाइन और इम्प्लीमेंटेशन के बारे में डिटेल्ड जानकारी होती है जो की स्पेशली डेवेलपर्स के लिए उपलब्ध कराई जाती है|
रोल ऑफ़ रेक्विरेमेंट एनालिसिस: Role of requirement Analysis
रेक्विरेमेंट (requirement Analysis) एनालिसिस सिस्टम इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर डिज़ाइन के बीच का फेज होता है |
रेक्विरेमेंट(requirement Analysis) एनालिसिस से हमें सॉफ्टवेयर स्पेसिफिकेशिन के बारे में जानकारी मिलती है |
रेक्विरेमटंस(requirement Analysis) एनालिसिस किस तरह से मददगार होता है?
एनालिस्ट : Analyst
रेक्विरेमेंट एनालिसिस एनालिस्ट के लिए बहुत बड़ी हेल्प होती उसे सॉफ्टवेयर एलोकेशन को refine करने में, इसी एनालिसिस के बेस पर एनालिस्ट कई प्रकार के सॉफ्टवेयर मॉडल्स डिफाइन करता है जैसे कि ‘डाटा मॉडल्स’ , ‘फंक्शनल मॉडल’, ‘बिहेवियरल मॉडल’ |
डिज़ाइनर: Designer
रेक्विरेमेंट को एनालिसिस करने के बाद ही डिज़ाइनर डाटा आर्किटेक्चरल इंटरफ़ेस और कॉम्पोनेन्ट लेवल डिज़ाइन कर सकता है |
डेवलपर: Developer
रेक्विरेमेंट स्पेसिफिकेशनऔर डिज़ाइन कम्पलीट होने के बाद ही सॉफ्टवेयर डेवेलप होना चालू जो सकता है |
Software Engineering से रिलेटेड कुछ और अमेजिंग पोस्ट आप नीचे दिए हुए blog लिंक की मदद से पढ़ सकते है:
Software Engineering In Hindi…
Software Maintenance Issues in Hindi…
What is Requirement engineering in Hindi…
What are the goals of software engineering…
Quick Q&A:
What is requirement engineering for example? requirement engineering क्या है, example देकर समझाइये?
अगर हम प्रैक्टिस की बात करें तो, requirement engineering जो है वो एक sequencial प्रोसेस नहीं है |
यह एक Iterative प्रोसेस है| जिसमे activities जो है वो interleaved अथवा त्वरित होती है|
जैसे example के लिए आप पहले यूजर requirement पर iterate करते है जैसे कि elicitation , specification , और validation |
और फिर इसके बाद यही सब steps system requirement के लिए रिपीट करते है|
What is requirement engineering and its types? रेक्विरेमेंट इंजीनियरिंग और उसके प्रकार को समझाइये?
Requirement engineering जो है वो एक ऐसी mechanism होती है जो हमें customer desire अथवा डिमांड को समझने में हमारी मदद करती है|
Requirement engineering के मुख्य प्रकार निम्नलिखित है जिनसे हम customer desire को बहुत ही अच्छे से समझ पाने में सक्षम होते है:
Analyzing the Need and accessing the feasibility – जरुरत को समझना और व्यव्हार का आकलन करना|
Negotiating a reasonable solution – एक उचित समाधान पर बातचीत करना|
Specifying the solution clearly – समाधान को स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करना|
Validating the specifications and managing the requirements as they are transformed into a working system – स्पेसिफिकेशन को मान्य करना और requirements को मैनेज करना क्योकि वे एक कार्य प्रणाली में परवर्तित हो जाती है|
Why software requirement engineering? हमें software requirement engineering कि जरुरत क्यों होती है?
Requirement engineering जो है वो सॉफ्टवेयर के scope को डिफाइन करने में भी बहुत मददगार होती है|
जैसे कि सॉफ्टवेयर की फाइनल functionality क्या होगी| इसकी मदद से हम सॉफ्टवेयर की final cost भी मालूम कर लेते है|
और इसकी मदद से हम schedule का भी पता कर सकते है जब हमें customer को सॉफ्टवेयर देना है या फिर deliver करना है|
What are the 5 steps of requirement engineering? Requirement Engineering के 5 important steps कौन से है?
Requirement Engineering के 5 मुख्य स्टेप्स निम्नलिखित है:
Feasibility Study.
Elicitation of Requirements and Analysis.
Specification of Software Requirements.
Validation of Software Requirements.
Management of Software Requirements.
Requirement Engineering को हम और किस नाम से जानते है?
Requirement Engineering को हम requirement analysis के नाम से भी जानते है|
What is the principle of requirement engineering? requirement Engineering का principle क्या है?
requirement Engineering की पूरी प्रोसेस में हम:
Information को इकठ्ठा करते है
Information को analyze करते है
Information की feasibility को चेक करते है
Service को validate और documented करते है जो कि delivered system में जरूर होनी चाहिए
Information का source कुछ भी हो सकता है जैसे कि पुराने documents अथवा stakeholder के viewpoints |
What are the requirements engineering process? Requirement Engineering की process को समझाइये?
Requirement Engineering की जो प्रोसेस है उसमे हम user अथवा customer requirements को:
Define करते है
documented करते है
maintain करते है
और सिस्टम को बिल्ड करते समय उन सभी techniques , methods , और procedure का उपयोग किया जाता है…
… जिनसे हम users की जरुरत को आसानी के साथ डिफाइन और मैनेज कर सके जैसा कि सिस्टम की जानकारी study करने के बाद हमने समझा है|
इस ब्लॉग(Requirement engineering in Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते a5theorys@gmail.com पर ईमेल लिख सकते है|
आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट ‘Requirement engineering in Hindi’ को खूब एन्जॉय किया होगा|
आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|
आपका समय शुभ हो|