CodeIgniter Application Architecture In Hindi.
हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट(CodeIgniter Application Architecture In Hindi) में मैं आपको CodeIgniter एप्लीकेशन आर्किटेक्चर के बारे में बताने वाला हूँ | CodeIgniter एप्लीकेशन के आर्किटेक्चर को आप नीचे दी गयी इमेज में देख सकते है |
जैसा कि आप ऊपर दी गयी इमेज में देख सकते है कि जब भी सबसे पहले CodeIgniter के पास कोई भी रिक्वेस्ट आती है तो वो सबसे पहले index.php के पास जाती है |CodeIgniter Application Architecture In Hindi|
फिर second स्टेप में routing यह decide करेगी कि इस रिक्वेस्ट को caching के लिए step -3 पर जाना है या फिर security चेक के लिए step -4 पर जाना है |CodeIgniter Application Architecture In Hindi|
अगर requested page cache में है तो फिर रूटिंग इस रिक्वेस्ट को स्टेप-3 पर पास कर देगी और फिर इसका response यूजर के पास wapis जायेगा |CodeIgniter Application Architecture In Hindi|
पर अगर requested पेज caching में नहीं है तो फिर rouitng जो है वो इस रिक्वेस्ट को सिक्योरिटी चेक के लिए स्टेप 4 पर भेज देता है |
रिक्वेस्ट को Application कंट्रोलर के पास सेंड करने से पहले submitted डाटा की सिक्योरिटी चेक होती है |
और एक बार जब सिक्योरिटी चेक कम्पलीट हो जाता है|
तब एप्लीकेशन कंट्रोलर जरुरी मॉडल्स, लाइब्रेरी, हेल्पर्स, plugins , और स्क्रिप्ट को लोड करता है और फिर व्यू को पास करता है |
व्यू जो है वो अवेलेबल डाटा के साथ ही पेज को रेंडर करेगा और फिर इसे caching के लिए पास करेगा |
जैसा कि requested पेज पहले cached नहीं हुआ था इसलिए इस बार यह caching में cached होगा |
और अगली बार से यह पेज future में बहुत जल्दी प्रोसेस होगा |
Directory structure :
नीचे दी गयी इमेज में आप CodeIgniter का डायरेक्टरी स्ट्रक्चर को देख सकते है :
CodeIgniter directory स्ट्रक्चर को तीन folder में divide किया गया है :
Application
System
User_guide
Application :
जैसे कि इसके नाम से ही क्लियर हो जाता है कि एप्लीकेशन फोल्डर में आपकी एप्लीकेशन से रिलेटेड सारा कोड होता है जो आप develop कर रहे है |
और यह वह फोल्डर होता है जहाँ पर आप अपना प्रोजेक्ट डेवेलोप करते है | यह एप्लीकेशन फोल्डर अपने साथ और भी कई सारे फोल्डर रखता है जो कि नीचे निम्नलिखित है :
Cache − यह फोल्डर आपकी एप्लीकेशन के सभी cached pages को रखता है |
और यह cached pages कि वजह से overall पेज accessing स्पीड बढ़ जाती है |
Config − इस फोल्डर में ऐसे फाइल्स होती है जो कि Application को configure करने के काम आती है |
Config .php फाइल कि मदद से यूजर एप्लीकेशन को configure कर सकता है |
और database .php फाइल की मदद से यूजर Application के डेटाबेस को configure कर सकता है |
Controllers − यह एप्लीकेशन का बेसिक पार्ट होता है और यह फोल्डर आपके एप्लीकेशन को कण्ट्रोल करने वाली फाइल्स को रखता है |
Core − यह फोल्डर आपके एप्लीकेशन की base class को रखता है |
Helpers − यह फोल्डर आपकी Application के लिए helpers क्लास को रखता है |
Hooks − इस फोल्डर कि फाइल्स की मदद से फ्रेमवर्क की कोर फाइल्स को हैक किये बिना ही फ्रेमवर्क कि इनर वर्किंग को मॉडिफाई कर सकते है |
Language − यह फोल्डर लैंग्वेज से रिलेटेड फाइल्स को रखता है |
Libraries − यह फोल्डर आपके एप्लीकेशन के लिए developed library फाइल्स को रखता है |
Logs − यह फोल्डर ऐसे फाइल रखता है जिसमे सिस्टम से रिलेटेड logs को मेन्टेन किया जाता है |
Models − इस फोल्डर में डेटाबेस लॉगिन को मेन्टेन किया जाता है |
Third_party − इस फोल्डर में आप किसी भी plugins को प्लेस कर सकते है जो बाद में आपके एप्लीकेशन के लिए use किया जायेगा |
Views − इस फोल्डर में आपके एप्लीकेशन से रिलेटेड HTML फाइल्स को रखा जायेगा |
System:
इस फोल्डर में CodeIgniter के कोर कोड्स, लाइब्रेरीज, हेल्पर्स, और कुछ और फाइल्स को मेन्टेन किया जाता है जिससे कि कोडन को आसान बनाया जा सके|
इन लाइब्रेरीज और हेल्पर्स को लोड किया जाता है और वेब डेवलपमेंट में use किया जाता है |
इस फ़ोल्डर में परिणाम के सभी कोडइग्निटर कोड शामिल हैं, जो विभिन्न फ़ोल्डरों में व्यवस्थित हैं –
Core − इस फोल्डर में CodeIgniter की core class को रखा जाता है | आपका सारा काम एप्लीकेशन फोल्डर में रखा जाता है |
यहाँ तक कि अगर आपका इंटेंशन कोडिगनिटेर के कोर को एक्सटेंड करने का हो तो फिर आपको यह हुक्स कि मदद से करना पड़ेगा |
और यह हुक एप्लीकेशन फोल्डर में ही रहते है |
Database − डेटाबेस फोल्डर में core database drivers और दूसरे डेटाबेस utilities रहती है |
Fonts − font फोल्डर में फॉण्ट रिलेटेड information और यूटिलिटी रहती है |
Helpers − helpers फोल्डर में स्टैण्डर्ड कोडिगनिटेर हेल्पर्स(जैसे कि date , cookie , और यूआरएल helpers) होते है |
Language − लैंग्वेज फोल्डर लैंग्वेज फाइल्स को रखता है, अभी के लिए आप इसे इग्नोर कर सकते है |
Libraries − लाइब्रेरीज फोल्डर में स्टैण्डर्ड कोडिगनिटेर लाइब्रेरीज(इ-मेल, कैलेंडर्स, फाइल अपलोड, एंड more) होती है |
आप अपनी खुद की लाइब्रेरी को भी क्रिएट कर सकते है अथवा स्टैण्डर्ड को extend भी कर सकते है |
लेकिन ये सब एप्लीकेशन लाइब्रेरी डायरेक्टरी फोल्डर में save होगी |
इसलिए इन्हे standard CodeIgniter लाइब्रेरीज से सेपरेट रखने के लिए उन्हें आप एक particular फोल्डर में रखिये |
User_Guide:
यह फोल्डर CodeIgniter में आपका यूजर गाइड है | एक्चुअली में यह यूजर गाइड का offline वर्शन है |
इसकी मदद से कोई भी बहुत सी libraries के फंक्शन., हेल्पर्स, एंड classes को सीख सकता है |
वेब आप्लिकेशन डेवेलोप करने से पहले आपको एक बार इस user -guide को जरूर पढ़ना चाहिए |
इन तीन फोल्डर के बगल में ही एक सबसे इम्पोर्टेन्ट फाइल है और वो है index .php |
और इस फाइल में हम एप्लीकेशन environment और error लेवल को सेट कर सकते है |
और हम यहाँ पर सिस्टम और एप्लीकेशन फोल्डर नाम को डिफाइन कर सकते है |
वैसे अगर आपको इन फ़ोल्डर्स के बारे में ज्यादा नॉलेज नहीं है तो फिर आपको इनकी सेटिंग को edit नहीं करना चाहिए |
you can also go through a few more amazing blog posts by clicking the below blog links related to Codeigniter:
What is temp data in Codeigniter in Hindi…
FlashData In CodeIgniter In Hindi…
Session Management In CodeIgniter In Hindi…
Form Validation In CodeIgniter In Hindi…
Email Sending In CodeIgniter In Hindi…
CodeIgniter File Upload In Hindi…
Error Handling Techniques In CodeIgniter In Hindi…
What is CodeIgniter Libraries In Hindi…
CodeIgniter Database Connection In Hindi…
CodeIgniter Configuration In Hindi…
CodeIgniter Basic Concepts In Hindi…
CodeIgniter MVC Framework In Hindi…
CodeIgniter Application Architecture In Hindi…
CodeIgniter Installation In Hindi…
CodeIgniter Tutorial for Beginners in Hindi…
Conclusion:
तो दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट(CodeIgniter Application Architecture In Hindi) में हमने CodeIgniter के Application architecture को देखा और समझा कि यह कैसे काम करता है | जैसे सबसे पहले जो रिक्वेस्ट आती है वो index .php के पास जाती है और फिर बाद में यह decide होता है कि उसे caching के लिए भेजना है या फिर security चेक के लिए | कोडिगनिटेर के डायरेक्टरी स्ट्रक्चर में तीन मुख्या फोल्डर होते है System , application , और user _guide |
इस ब्लॉग(CodeIgniter Application Architecture In Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते support@a5theory.comपर ईमेल लिख सकते है|
आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट(CodeIgniter Application Architecture In Hindi) को खूब एन्जॉय किया होगा|
आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|
आपका समय शुभ हो|