What Are SEBI New Margin Rules In Hindi?|सेबी के मार्जिन के नए नियम क्या है?
हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट(What Are SEBI New Margin Rules In Hindi) में मैं आपको SEBI के नई margin rule के बारे में हिंदी में बताने वाला हूँ |
अभी कुछ महिनो के अंतराल में intraday trading के अंदर लगातार upfront margin अथवा peak margin में बदलाव किया गया है और अभी जो तीसरे phase का रूल आया है इसमें peak margin का एक नया फंडा लागू किया गया है |What Are SEBI New Margin Rules In Hindi|
इस ब्लॉग पोस्ट(What Are SEBI New Margin Rules In Hindi) में हम आपको विस्तार से बताने वाले है कि SEBI द्वारा लागू कि गयी ये margin rules कौन कौन से है |
और इन नए margin रूल को लाने के पीछे SEBI का क्या उद्देश्य है | और इन margin rules के आने से brokers और investors पर क्या प्रभाव पड़ा है |What Are SEBI New Margin Rules In Hindi|
आपको बता दू कि सारे margin rule intraday trading पर लागू होते है इनका delivery और future &option trading पर कोई भी impact नहीं है |
हलाकि delivery trading में upfront margin का एक नया नियम आया है |
जिसके तहत अब delivery ट्रेडिंग में भी stocks को खरीदते और बेचते समय आपको 20 % upfront मार्जिन अपने अकाउंट में रखना होगा |What Are SEBI New Margin Rules In Hindi|
पर अगर आपके दमत अकाउंट में पीओए है तो इन delivery shares को बेंचते समय आपको margin रखने कि जरुरत नहीं है |What Are SEBI New Margin Rules In Hindi|
तो चलिए पहले हम SEBI द्वारा लागू किये गए margin rules के बारे में समझते है|What Are SEBI New Margin Rules In Hindi|
SEBI द्वारा लागू किये गए नए margin rules कौन कौन से है ?| What Are SEBI New Margin Rules In Hindi?
अभी कुछ दिनों पहले ही share market से जुड़े लोगो ने यह खबर पढ़ी होगी कि 1 जून 2021 से अब 75 % margin की जरुरत होगी आपको शेयर को buy करने के लिए intraday trading के अंतर्गत |What Are SEBI New Margin Rules In Hindi|
इसका मतलब यह है कि अगर आपको 100 रुपया के share buy करने है तो आपके अकाउंट में कम से कम 75 रुपया होने चाहिए |
सबसे पहले SEBI ने इसे 25 % किया था और इसके बाद 50 % किया था और अब यह 75 % हो गयी है |
और हो सकता है तीन चार महीने बाद intraday ट्रेडिंग पर margin मिलना बंद ही हो जाये क्योकि यह मार्जिन 100 % भी हो सकता है |
यह मार्जिन को बढाने की process SEBI द्वारा september से start की गयी थी जिसमे हर तीन महीने के अंतराल में 25 % margin में बृद्धि करी गयी जो कि अब जाकें 75 % हो गयी है |
कहने का मतलब इस margin रुल को सेबी द्वारा तीन phase में लागू किया गया था हर तीन तीन महिने के अंतराल में |
first फॅसे के अंतर्गत सेबी ने इस मार्जिन को तीन महीने के लिए 25 % किया था|
इसके अंतर्गत हर investor अथवा client को अब स्टॉक खरीदने के लिए पीक मार्जिन का 25 % अपने अकाउंट में रखने कि जरुरत थी |
example के लिए अगर आप 100 रुपया के शेयर को buy करना चाह रहे है तो आपके अकाउंट में 25 रुपया होने चाहिए |
और फिर तीन महीने के बाद सेबी ने दूसरे phase को इम्प्लीमेंट किया जिसके तहत अब क्लाइंट्स अथवा इन्वेस्टर्स को पीक मार्जिन का 50 % अपने अकाउंट में रखना जरुरी है किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए|
example के लिए अगर 100 रुपया के स्टॉक बुय करना चाह रहे है तो फिर आपके अकाउंट में 50 रुपया होने चाहिए |
और अभी 1 जून 2021 से तीसरे phase को implement किया गया है|
जिसके तहत अब किसी भी client को कम से कम 75 % margin रखने कि जरुरत है अकाउंट में कोई भी स्टॉक परचेस करने के पहले|
example के लिए अगर आप 100 रुपया के stock खरीदना चाह रहे है तो फिर आपके अकाउंट में 75 रुपया होने चाहिए |
और चौथा फेज जो कि अभी implement होना बाकि है इसके तहत 100 % मार्जिन रखना होगा client को कोई भी स्टॉक buy करने से पहले |
इसका मतलब उसे फिर पूरी रकम रखनी होगी कोई भी शेयर को buy करने के लिए |
अच्छा जब यह सब margin policy नहीं थी तब अलग अलग बोरकर अपने हिसाब से क्लाइंट्स को मार्जिन दे दिया करते थे|
कोई 5 %, कोई 10 %, कोई 20 % तो कई नए ब्रोकर तो 0 % मार्जिन पर भी शेयर खरीदने देते थे |
SEBI को यह यह margin rules लाने कि जरुरत क्यों पड़ी ? ऐसा क्या हो गया था कि सेबी को यह नयी margin policy लानी पड़ी ?
यह सब margin rule सेबी को karvy stock broker के फ्रॉड के सामने आने के बाद लाने पड़े |
दरअसल नवंबर 2019 में karvy stock broker का घोटाला सामने आया था जिसने बड़े लेवल पर investor के पैसे का misuse किया था और अपने लिए पैसे बना रहा था |
आईये कुछ पॉइंट्स के जरिये आपको बताते है कि karvy ने क्या क्या घोटाले किये थे जिससे कि स्टॉक एक्सचेंज को उसे ban करना पड़ा|
जो भी इन्वेस्टर बिना मार्जिन लिए स्टॉक्स खरीदते थे मतलब पूरा पैसा चुका कर शेयर खरीदते थे|
उनके शेयर को भी karvy depository में ट्रांसफर न कर के उन्हें पूल अकाउंट में रख लेता था और उस security का use करके या margin pledged करके दूसरों को मार्जिन देता था जो की client और investors नहीं थे|
जो इन्वेस्टर्स मार्जिन पर सिक्योरिटी खरीदते थे उनके शेयर को वह एक पूल अकाउंट में रखता था |
और अगर कोई इन्वेस्टर इस मार्जिन को 4 -5 दिन के अंदर नहीं चुकता था|
तो फिर ब्रोकर यह शेयर को sell कर के वह पैसा अपने मार्जिन के बदले रख लेते थे और अगर यह पैसा कम होता है तो फिर client को बचा हुआ पैसा चुकाना पड़ता है |
example के लिए मान लीजिये आप ने अपने demat अकाउंट में आलरेडी 100000 कि security होल्ड कर रखी है और आप 15000 के स्टॉक्स और urgent में खरीदना चाहते हो पर अभी…
… आपके पास पैसे नहीं है तो फिर आप यहाँ पर margin pledged करके broker से आसानी से 15000 का मार्जिन ले सकते हो | और 4 -5 दिन में इसे भर सकते हो |
अब मान लीजिये आपकी सिक्योरिटी में 2 % का फायदा हुआ और आपको एक दिन का 1000 का प्रॉफिट हुआ तब इस case में ब्रोकर आपसे अपने दिए हुए मार्जिन के लिए अपना ब्याज ले लेगा जो कि 50 -100 रुपया के बीच हो सकता है |
और अगर शेयर 2 % से नीचे गए और आपको 1000 का घाटा हो गया तो फिर आपको बोरकर को टोटल 1050 -1100 रुपया तक pay करने होंगे |
पर यहाँ पर karvy स्टॉक broker कुछ अलग ही गेम खेल रहा था को कि सेबी के पकड़ में भी नहीं आ पाया |
Karvy margin और बिना margin वालो की सिक्योरिटी को एक साथ एक पूल अकाउंट में रख रहा था और सेबी को यह बता देता था कि यह सभी partially paid secuirty है |
और फिर उस security से मार्गीण प्लेङ्गेड करके स्लीएंट्स को न दे कर वह real states में या किसी दूसरे account में invest कर रहा था |
फिर जब बहुत सारे investors की complaints SEBI के पास गयी तब उसने कुछ client level पर audit किये और तब जाके karvy की पूरी करामात खुल कर सामने आ गयी |
और फिर उसने NSE और BSE को सूचित किया और फिर exchange और depositories ने karvy ब्रोकर को ban कर दिया|
और उसकी security और assets को बेंच कर उसके investors का सेटलमेंट कराया |
तो पहले के समय ब्रोकर मन माना leverage दे देते थे margin में और उन लोगो का पैसा misuse करते थे जो कि margin लेते ही नहीं थे |
पर karvy ने तो हद ही पर कर दी थी वह मार्जिन का पैसा अपने इनवेस्टर को न देकर कही और ही दूसरे अकाउंट और रियल स्टेट मार्किट में इन्वेस्ट कर रहा था |
तो यही सब reason के चलते सेबी को इन्वेस्टर के पैसे का ध्यान रखते हुए यह सब margin के कड़े rules लाने पड़े | हलाकि बहुत से borkers को यह margin रूल्स रास नहीं आ रहे है |
क्योकि अब वो लोग इन्वेस्टर्स को मनमाना मार्जिन नहीं दे पाएंगे और न ही अब उतना profit निकल पाएंगे जितना वो पहले मार्जिन प्लेज्ड को utilize करके निकल लिया करते थे |
इस नयी margin policy से ब्रोकर्स को क्या दिक्कत पैदा हो गयी है ?
यह मार्जिन रूल केवल intraday trading के लिए है | तो इस नयी मार्जिन रूल के आने से पहली बात तो इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत clients की संख्या में कमी आ सकती है |
क्योकि अब intraday ट्रेड़िंग करने के लिए अब एक बड़े margin की जरुरत है जो कि सभी के पास नहीं होता है |
दूसरा यह अब clients को बहुत काम मार्जिन borrow करना पड़ेगा जिससे कि उन्हें उस पर interest भी कम लगेगा|
और प्रॉफिट के केस में ब्रोकर को ब्याज भी कम मिलेगा | क्योकि अब margin का borrow अमाउंट बहुत कम कर दिया है |
और सेबी का एक नया रूल मार्जिन pledged नॉटिफिकेशन से अब वह अपने मन से किसी भी क्लाइंट्स के सिक्योरिटी को margin pledged नहीं कर सकता है जब तक कि clients उसे verify न कर दे |
दूसरा यह है कि अब delivery और अन्य segments में share buy और sell करने के लिए minimum 20 % upfront margin compulsory कर दिया है |
जिससे कि broker और investor दोनों को ही प्रॉब्लम हो रही है |
हलाकि इस समस्या को अभी कई broker early pay in सिस्टम से by पास कर रहे है |
जहाँ पर broker उन्हें sell करने के लिए करने के लिए margin provide करवा देता है | पर इसके लिए स्लीएंट्स के दमत अकाउंट में POA होना जरुरी है|
इस margin policy के अंदर आपने बहुत बार पढ़ा होगा की peak Margin, तो चलिए अब आपको बताते है की Peak Margin आखिर होता क्या है |
और सेबी(SEBI) की नयी Peak margin के अंतर्गत इसका महत्व क्या है ? और Peak Margin को कैसे calculate करते है ?
1 dec 2020 से पहले ब्रोकर बाद मार्जिन को ही peak margin कंसीडर करते थे और इसे दिन के आखिरी में ही कैलकुलेट किया जाता था |
पर अब इस मार्जिन policy में SEBI ने कुछ बदलाव कर दिए है |
अब कोई भी क्लाइंट जो की traday trading करता है उसके इंट्राडे मार्गीण रेक्विरेमेंट के ४ स्नेप शॉट लिए जायेंगे पुरे दिन में वो भी randomly predefine time window में |
और फिर बाद का मार्गीण रेक्विरेमेंट लिया जायेगा | अब इन चार स्नेप शॉट(snap shot) में से जो सबसे ज्यादा margin होगा उसे peak margin कंसीडर किया जायेगा |
और अब कोई क्लाइंट अगर कोई शेयर खरीदता है तो उसे फिर इस ीक मार्गीण का 75% अपने अकाउंट में रखना होगा |
और अगर मार्जिन से काम रकम हुई तो फिर मार्जिन shortfall हो जायेगा और क्लाइंट के अकाउंट में negative balance शो होने लगेगा |
चलिए अब इन नई SEBI margin rules को नीचे दिए कुछ example की मदद से समझते है |
जैसा कि आप नीचे दिए हुए चित्र में देख सकते हो कि यहाँ पर चार अलग अलग टाइम पीरियड पर margin को नोट किया गया है|
और इसमें जो सबसे बड़ा अमाउंट है वो है 30000 उसे peak margin consider किया गया है |
और इसके बेस पर यहाँ पर जो required margin है वो है 30000 का 75 % यानि कि 22500 रुपया |
पर चुकी यहाँ पर available बैलेंस है 50000 रुपया है तो यहाँ पर अभी margin का कोई shortage नहीं है |
अब नीचे वाले चित्र में आप देख सकते हो कि यहाँ पर margin के चार अलग अलग टाइम पर शॉट्स लिए है और एक EDO का margin calculate किया गया है |
और इन सभी में जो सबसे ज्यादा margin है वो है 300000 और यही हमारा peak margin भी होगा |
और अब required margin निकालने के लिए हमें इसका 75 % calculate करना होगा जो कि होता है 225000 रुपया|
पर यहाँ पर जो available बैलेंस है वो है 50000 रुपया इसलिए यहाँ पर margin shortfall हो गया है और हमारा shortage negative 175000 रुपया दिखने लगा है |
ठीक इसे प्रकार आप नीचे दिए देय तीसरे चित्र में भी margin shortfall देख सकते है |
आप share market से जुड़े हुए कुछ और अच्छे blog नीचे दी हुई ब्लॉग लिंक का उपयोग करके पढ़ सकते है:
SEBI NEW MARGIN RULES IN HINDI 2021…
Difference between Intraday trading and delivery trading…
Delivery Trading vs Intraday Trading In Hindi…
Top 5 Best Demat and Trading Account In India…
Trading In Share Market In Hindi…
Mutual Fund vs Share Market…
Difference between the mutual fund and share market In Hindi…
What Is Share Market In Hindi…
What Is Share Market…
What Is NIFTY And SENSEX In Hindi…
Conclusion:
तो दोस्तों इस blog पोस्ट(What Are SEBI New Margin Rules In Hindi) में हमने SEBI द्वारा लागू किये गए नए margin rules के बारे में समझा और उनके बारे में विस्तार से discuss किया | SEBI द्वारा पिछले छह महीने के अंदर दो बार margin में क्रमशा 25 % और 50 % का बदलाव किया गया था जो कि इस जून 2021 से 75 % कर दिया गया है | अब intraday trading के अंदर security खरीदने के लिए peak margin का 75 % amount आपको अपने अकाउंट में रखना होगा | और peak margin को भी दिन भर के मार्जिन के चार अलग अलग रैंडम snap shots के जरिये कैलकुलेट किया जायेगा | यह नई margin rules SEBI द्वारा investors के पैसे कि सुरक्षा को ध्यान में रखकर लाये गए जिससे कि कोई भी broker investors के पैसे का misuse न कर पाए| हो सकता है अभी शुरुआत में investor और broker दोनों को थोड़ी दिक्कत महसूस हो पर धीरे धीरे सभी लोग इस नए रूल्स के आदि हो जायेंगे |
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आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट What Are SEBI New Margin Rules In Hindi को खूब एन्जॉय किया होगा|
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आपका समय शुभ हो|