What Is Stop Loss In Share Market In Hindi? क्या है Stop Loss और Target Price?
हेलो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट(What Is Stop Loss In Share Market In Hindi) में मैं आपको शेयर मार्किट के अंदर Stop loss के बारे में बताने वाला हूँ | अगर आप शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करते है तो फिर आपने कम से कम Stop loss के बारे सुना तो जरूर ही होगा, हो सकता है आपने अभी तक इसे try न किया हो |
क्योकि अगर आप delivery segment में ट्रेडिंग करते है तो फिर आपको Stop loss(What Is Stop Loss In Share Market In Hindi) लगाने की जरुरत कम ही पड़तीं है क्योकि delivery segment में आप अपने पैसे को लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करते है या फिर कितने टाइम के लिए इसे आप hold कर सकते है |
पर अगर आप intraday trading या फिर future & option ट्रेडिंग करते है तो फिर आपको Stop loss लगाना बहुत ही जरुरी हो जाता है | क्योकि यहाँ पर अगर आप Stop loss(What Is Stop Loss In Share Market In Hindi) नहीं लगाते है तो फिर आपको opposite condition में बहुत ज्यादा नुक्सान हो सकता है और आप अपनी पूरी capital एक झटके में गवा सकते है |
इसलिए दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेगे की Stop loss(What Is Stop Loss In Share Market In Hindi) होता क्या है और हम इसे कैसे use करते है | जैसा कि इसके शब्द से ही क्लियर होता है की Stop loss की मदद से हम loss को काम करते है | तो चलिए आगे इस ब्लॉग में विस्तार से देखते है की Stop loss क्या होता है |
Stop loss क्या होता है और इसे कैसे उपयोग करते है ?|What Is Stop Loss In Share Market In Hindi?|ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है?
Stop loss एक ऐसी facility होती है जहाँ पर हम किसी भी stock की खरीदी अथवा बिक्री पर अपने लोस्स(loss) को पहले ही बुक कर लेते है |
जिससे कि कभी market में कुछ हमारे favour में नहीं गया तो हम किसी बड़े loss से बच सकते है |What Is Stop Loss In Share Market In Hindi|
या फिर कभी कभी ऐसी स्थिति भी बनती है कि आप शेयर खरीद कर कुछ दिन बिजी हो गए और कही बाहर चले गए|
और ऐसे जगह शायद आप अपने अकाउंट को एक्सेस न कर पाए किसी कारण से मान लीजिये आप जहाँ पर है वहां पर नेटवर्क की बहुत प्रॉब्लम है |
तो ऐसी स्थिति में भी Stop loss आपकी बहुत हेल्प करता है अगर market आपकी प्रेडिक्शन के opposite चला जाये तो |
अब यहाँ पर देखने वाली बात यह है की Stop loss को किस कंडीशन में और कहाँ पर लगाना है ?|स्टॉप लॉस क्या है और क्यों?
अगर आप कोई भी आर्डर buy करते हो तो फिर Stop loss sell order पर लगाना है और अगर आप कोई भी stock sell करते हो तो Stop loss buy पर लगाना है |
यह रूल हर segment के लिए रहेगा बस margin अथवा margin + ट्रेडिंग को छोड़ कर |
अगर आप margin अथवा margin + order type place करते हो तो वहां पर आपको Stop loss तुरंत ही लगाना है,…
… ऐसा इसलिए क्योकि यहाँ पर आप कई गुना margin ब्रोकर से उधार ले कर शेयर अथवा स्टॉक को buy करते है |
इसलिए आपको कोई बड़ा loss न हो इसलिए Stop loss तुरंत ही लगाना पड़ता है |
क्या हम traded आर्डर/executed order पर भी Stop loss लगा सकते है ?
हाँ बिलकुल, आप ने कोई भी आर्डर अथवा स्टॉक buy किया है तो फिर चाहे वो अभी open पोजीशन में हो या फिर traded में आप उस पर Stop loss लगा सकते है |
अगर आपने buy किया है तो sell पर स्टॉप लोस्स लगा दीजिये और अगर पहले sell किया है तो फिर buy पर Stop loss लगा दीजिये |
हाँ अगर आपने buy किया है और buy पर ही Stop loss लगा दिया है तो फिर आपका Stop loss टच होते ही आपका स्टॉक फिर से buy हो जायेगा, इलसिए इस बात का बहुत ही ध्यान रखिये |
जब आर्डर buy करते है तो sell पर स्टॉप लोस्स लगाना है और जब order पहले sell करते है तो फिर Stop loss buy पर लगाना है |
अब एक और confusion जो लोगो के दिमाग में अक्सर रहता है कि Stop loss लगाते समय ये trigger price क्या होता है और Stop loss प्राइस क्या है |
क्या यह दोनों प्राइस(stop loss limit price and trigger price) एक दूसरे से अलग है ? और अलग है तो इनमे क्या value सेट करनी चाहिए ?
तो दोस्तों आपको बता दूँ कि Stop loss price और trigger price दोनों में difference होता है |
जब भी आप कोई Stop loss order place करते है तो आप यहाँ पर दो price enter करते है |
एक होता है trigger price और दूसरा होता है लीमित price अथवा Stop loss limit price |
trigger price पर जैसे ही stock पहुँचता है तो आपका Stop loss activate हो जाता है और फिर यह simple market आर्डर में कन्वर्ट हो जाता है |
और फिर जैसे ही आपकी limit price टच होती है वैसे ही आपका आर्डर execute हो जाता है |
और exchange aapko trigger price और limit price के बीच best possible price पर आपका आर्डर execute कर देता है |
और आपको और ज्यादा होने वाले loss से बचा लेता है |
अब आपको हम एक example देकर समझाने की कोशिश करते है कि कैसे Stop loss में हम trigger price और Stop loss limit price set करते है ?
दोस्तों मान लीजिये अपने एक tata company का stock ख़रीदा जिसकी प्राइस 80 रुपया है |
अब आपने इस पर Stop loss लगाना है | तो आप इसके sell order पर Stop loss लगाओगे |
और sell order पर जाकर आपको product type में वही select करना है जो आपने buy करते समय चुना था |
मतलब अगर delivery में शेयर लिया था तो sell आर्डर में भी delivery choose करना है |
और अगर intraday choose किया था तो फिर यहाँ भी intraday choose करना है |
और इसके बाद आपको order type में Stop loss choose करना है |
और फिर यहाँ पर आपको अपने share के नंबर डाल देना है कि कितने शेयर अपने ख़रीदे थे अगर 100 शेयर ख़रीदे थे तो पूरे दाल देना है |
हलाकि आप 100 से कम शेयर पर भी Stop loss लगा सकते हो |
इसके बाद आपसे दो value enter करने लिए पूछा जायेगा एक होगा trigger price और दूसरा होगा Stop loss लिमिट प्राइस |
अब देखिये दोस्तों यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आपने शेयर को 100 रुपया के हिसाब से buy किया था |
और अब आप Stop loss कहाँ पर लगाएंगे |
यह बहुत कुछ आप पर depend करता है कि आप कितना loss afford कर सकते है |
अगर आप 5 % कर सकते है तो 95 पर लगा दीजिये और 3 % कर सकते है तो फिर 97 पर लगा दीजिये और अगर 10 % afford कर सकते है तो फिर 90 पर लगा दीजिये |
अब हम यहाँ पर मान कर चलते है की आप 5 % loss afford करने के लिए तैयार है |
तो यहाँ पर हमारा Stop loss limit price हो जायेगा 95 रुपया और trigger price हो जायेगा 96 अथवा 96 .5 रुपया |
अब जैसे ही शेयर का प्राइस 96 पर गिरेगा आपका Stop loss order trigger हो जायेगा और जैसे ही यह आपकी लिमिट तक पहुँचता है वो order execute हो जायेगा और आपका stock automatic sell हो जायेगा|
इसी तरह अगर आप कोई order पहले sell करते है तो फिर आप को Stop loss buy पर लगाना है |
और यहाँ पर जैसे हम कोई स्टॉक 100 रुपया में sell करते है तो हमें फायदा कब होगा जब इसे बहुत कम दाम में खरीद ले |
तो यहाँ पर हमारा Stop loss रहेगा वो ऊपर की तरफ रहेगा मतलब की 105 5 % के हिसाब से | और यहाँ पर trigger price होगा 104 रुपया |
आशा करता हूँ अब आपको Stop loss काफी हद तक समझ आ गया होगा |
क्या Stop loss लगाना काफी होता है कोई भी बड़े नुक्सान से बचने के लिए ?
हाँ स्टॉप लोस्स काफी हद तक आपको एक बड़े loss से बचा लेता है जब कभी मार्किट एक दम से बहुत नीचे आ जाता है |
पर कुछ situation ऐसे होती है जहाँ पर Stop loss भी आपको secure नहीं कर सकता है |
एक्साम्प्ले के लिए अपने कोई शेयर 100 रुपया में ख़रीदा है और उस पर 95 का Stop loss लगा दिया है |
पर अगर अगले दिन उस शेयर के लिए bazar 93 rupee से open हुआ तो वहां पर आपका Stop loss काम नहीं करेगा |
और आप एक अनचाहा loss खा जायेंगे |
वैसे तो market में बड़ी fluctuation रोज़ रोज़ देखने को नहीं मिलती पर जब आपका ज्यादा पैसा future और option में लगा होता है तब आपको Stop loss के सहारे नहीं रहना चाहिए अगर market में ज्यादा टाइम तक टिके रहना है तो |
intraday और delivery में तो आप Stop loss से काम चला सकते है | क्योकि यहाँ पर आप stock को hold कर सकते है |
तो आप future and option में इस अनचाहे बड़े loss से कैसे बच सकते है ?
दोस्तों इसके लिए भी एक रास्ता होता है वो है hedging का | hedging के अंतर्गत आप option के अंदर put और call दोनों के option buy करते है अथवा put और call दोनों के options को sell करते है |
कहने का मतलब आपको put और call का combination या तो buy करना है या फिर sell करना है और इस जल्दी से जल्दी बेच कर पोजीशन से बाहर निकलना है |
और future के अंदर आप stock की एक long position को buy करते है और उसी स्टॉक की एक position को short कर लेते है |
यह सब आपको मार्किट analysis और अपनी prediction के base पर करना होता है |
ख़ैर hedging से रिलेटेड एक विस्तृत ब्लॉग पोस्ट हम जल्दी आपके लिए publish करेंगे जहाँ पर hedging के बारे में विस्तार से बताएँगे |
तो अभी के लिए सिर्फ इतने ही introduction से काम चलाइये |
Stop loss के क्या क्या advantage और disadvantage है ?
Stop loss का एक फायदा यह है की Stop loss लगाने के बाद आपको अपने stock को दिन भर monitor नहीं करना पड़ता और आप अपने stock के साथ होने वाले worst case के लिए पहले से तैयार होते है |
मार्किट में ज्यादा fluctuation होने से बार बार आपका Stop loss हिट हो जाता है और और आपका order एक loss के साथ execute हो जाता है |
जबकि कुछ समय बाद ही stock price काफी हाई चला जाता है | तो ऐसे समय पर Stop loss कभी कभी दिक्कत पैदा कर देता है |
आप share market से जुड़े हुए कुछ और अच्छे blog नीचे दी हुई ब्लॉग लिंक का उपयोग करके पढ़ सकते है:
SEBI NEW MARGIN RULES IN HINDI 2021…
Difference between Intraday trading and delivery trading…
Delivery Trading vs Intraday Trading In Hindi…
Top 5 Best Demat and Trading Account In India…
Trading In Share Market In Hindi…
Mutual Fund vs Share Market…
Difference between the mutual fund and share market In Hindi…
What Is Share Market In Hindi…
What Is Share Market…
What Is NIFTY And SENSEX In Hindi…
Difference between Equity and Derivatives in Hindi…
Forex Trading In India In Hindi…
Difference Between Futures And Options In Hindi…
After Market Order In Hindi…
Conclusion:
तो दोस्तों, इस ब्लॉग पोस्ट(What Is Stop Loss In Share Market In Hindi) में हमने जाना कि Stop loss क्या होता है और इसे हम ट्रेडिंग में कैसे apply करते है | Stop loss trading में होने वाले loss को कम करने की एक अच्छी तकनीक है जहाँ पर हम अपने द्वारा कर सकने वाले afforded loss तक अपने trade को सिमित कर लेते है अगर situation हमारे हाथ से बहार निकल गयी तो या फिर मार्किट हमारे favour में नहीं गया तो | अगर आप मार्जिन लेकर ट्रेड कर रहे है या फिर एक बड़े अमाउंट के साथ intraday trade कर रहे है, या फिर आप future एंड option में ट्रेडिंग कर रहे है तो फिर आपको Stop loss के बिना कभी भी आर्डर place नहीं करना चाहिए नहीं तो यहाँ पर आप एक बड़ा घाटा खा सकते है |
इस ब्लॉग(What Is Stop Loss In Share Market In Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते support@a5theory.comपर ईमेल लिख सकते है|
आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट What Is Stop Loss In Share Market In Hindi को खूब एन्जॉय किया होगा|
आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|What Is Stop Loss In Share Market In Hindi|
आपका समय शुभ हो|