MAC: Medium Access Control In Hindi / MAC address क्या होता है?
हेलो दोस्तों, आज के इस ब्लॉग पोस्ट(Medium Access Control In Hindi) में मै आपको MAC sublayer व मैक(medium access control In Hindi ) प्रोटोकॉल के बारे में बताने वाला हूँ |
MAC((Medium Access Control In Hindi)) डाटा लिंक लेयर की sublayer है, और इसमें मौजूद प्रोटोकॉल्स, यह determine करने में मदद करते है कि multiaccess चैनल को एक्सेस करने के लिए कौन जायेगा अथवा कौन सा डाटा ट्रांसमिशन होगा|
सभी LANs एंड MANs में बहुत सरे डिवाइस का collection होता है जो की एक दूसरे से नेटवर्क ट्रांसमिशन capicity को शेयर करते है |
ट्रांसमिशन मध्यम को कुछ कुछ कंट्रोलिंग एक्सेस देना जरुरी होता है जिससे की वो कैपेसिटी का क्रमबद्ध तरीके से उत्तम उपयोग कर सके | मध्यम एक्सेस प्रोटोकॉल(MAC-Medium Access Control In Hindi) का यही काम है |
MAC(Medium Access Control In Hindi) प्रोटोकॉल के जो main pararmeter होते है वो है where and how
यहाँ पर where हमें बताता है कि कण्ट्रोल का क्रियान्वन distributed manner में किया गया है या centralize manner में|
decentralize network में स्टेशन ही collectivly मध्यम एक्सेस कण्ट्रोल को execute करता है, जिससे वो उस डायनामिक आर्डर का पता लगा सके जिसमे stations द्वारा ट्रांसमिशन हो रहा है |
centralize नेटवर्क में एक कंट्रोलर को नामित किया जाता है , जिसके में पास नेटवर्क को एक्सेस देने कि authority रहती है |
एक स्टेशन जो ट्रांसमिशन करना चाहता है, उसे ट्रांसमिट करने के लिए तब तक इंतज़ार करना पड़ता है जब तक उसे controller द्वारा अनुमति न मिल जाये |
एक centralize method के कुछ फायदे होते है, इनमे से कुछ निम्नलिखित है |
यह peer entities के बीच distribution coordination की मुशकिल को दूर करता है |
यह सभी stations पर अपेक्षाकृत सरल लॉजिक एक्सेस का यूज करने में सक्षम है |
कुछ चीज़ो को प्रोवाइड करने में जैसे कि प्रॉपर्टीज, overrides , guaranteed capacity , यह access या permission के ऊपर बहुत अच्छे तरह से कण्ट्रोल कर सकता है|
यह bottleneck और reducing performance कि तरह काम कर सकता है |
इसके failure का सिर्फ एक ही पॉइंट होता है , कहने का मतलब यह है कि, नेटवर्क में एक पॉइंट ऐसा है, कि अगर यह वह पर फेल होता है तो यह पुरे नेटवर्क failure का कारण बनता है|
जबकि दूसरी तरफ डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम के pros और cons ऊपर बताई जानकारी कि just mirror image है |
‘How ‘ इस MAc sublayer का दूसरा parameter है, जो कि topology द्वारा constrained है|
It is a trade-off among competing factors including performance, cost and complexity. Generally, access control techniques can be categorized as being synchronous or asynchronous.
In synchronous techniques, a specific capacity is dedicated to a connection.
This is the same procedure used in circuit switching, frequency division multiplexing(FDM), and synchronous time-division multiplexing(TDM).
Generally, these techniques are not optimal in LANs and MANs because the requirements of the stations are unpredictable.
It is preferable to have the ability to allocate capacity in an asynchronous (dynamic) manner, more or less in response to immediate demand.
The asynchronous approach can be further subcategorized as round-robin, reservation, and contention.
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Quick Q&A:
What is the MAC address explained with an example? MAC address क्या है example के साथ समझाइये?
अगर technically तौर पर देखा जाये तो MAC address जो है वो एक 48 bit का hexadecimal address होता है|
Usually यह two digits अथवा characters के sex set का एड्रेस होता है जो कि colons mark से seprated होता है|
जैसे example के लिए एक MAC एड्रेस कुछ ऐसे होगा – 00:00:5e:00:53:af
बहुत से नेटवर्क कार्ड और दूसरे hardware manufacturers जो है वो अपने products के MAC एड्रेस के शुरुआत में एक यूनिक sequence का उपयोग करते है|
What is MAC address used for? MAC address का उपयोग क्या होता है?
MAC address हो या फिर IP address दोनों का purpose same होता है |
और यह purpose होता है किसी नेटवर्क में device को identify करना अथवा device की identity का पता करना|
MAC address की मदद से हम same लोकल नेटवर्क पर डिवाइस का फिजिकल address पता करते है|
वही दूसरी तरफ IP address की मदद से हम device को globally identify करते है|
What are the 3 types of MAC addresses? 3 प्रकार के MAC address कौन कौन से होते है?
तीन प्रकार के MAC address निम्नलिखित है:
Unicast
Multicast
and Broadcast
address के First byte को देख कर ही आप पता कर सकते है कि address कौन से type का है|
What are the 2 types of MAC addresses? 2 types के MAC addresses कौन कौन से होते है?
MAC addresses के दो प्रकार निम्नलिखित है:
Static
Dynamic
MAC address या तो static address table में स्टोर होता है या फिर dynamic addresses table में|
और यह इस बात पर निर्भर करता है कि MAC address किस टाइप का है|
और addresses के साथ साथ VLAN और port information को भी स्टोर किया जाता है|
What is MAC and IP address? MAC address और IP address में क्या अंतर होता है?
IP address और MAC address दोनों से ही device को identify किया जाता है |
IP address जो है वो नेटवर्क के कनेक्शन को identify करने में मदद करता है जिसका use करके device नेटवर्क से जुड़ा हुआ है |
वही दूसरी तरफ MAC address जो है वो device की physical location find करता है |
इसकी मदद से हम किसी नेटवर्क में डिवाइस की exact location find कर सकते है और device को uniquely identify कर सकते है|
Can we change MAC address? क्या हम MAC address को चेंज कर सकते है?
MAC address जो है वो hard coded address होता है जो कि NIC के अंदर होता है और इसे बदला नहीं जा सकता है |
हलाकि बहुत से drivers MAC address बदलने के लिए allow करते है |
इसके अलावा ऐसे बहुत से tools है जिनसे ऑपरेटिंग सिस्टम को ऐसा बिश्वास हो जाता है कि NIC में जो MAC address है वो user की choice का है |
Can someone track my MAC address? क्या कोई मेरा MAC address ट्रैक कर सकता है?
Actually में जो computer manufacturers होते है या फिर कंप्यूटर को खरीदने वाले ग्राहक वे दोनों ही इस MAC address को रजिस्टर नहीं करते है|
अगर आपका कंप्यूटर चोरी हो जाये तो उसे MAC address की मदद से पता करने का कोई भी विकल्प नहीं है|
और आप इस address के पीछे वाले की identity भी पता नहीं कर सकते है|
Can two devices have the same MAC address? क्या दो device का MAC address same हो सकता है?
ऐसा शायद ही कभी हो कि एक लोकल नेटवर्क में दो डिवाइस का MAC address same हो| प्रक्टिकली ऐसा पॉसिबल नहीं है |
और अगर ऐसा हो भी जाये तो उन दोनों devices को communication में बहुत प्रॉब्लम होगी|
क्योकि लोकल नेटवर्क इसी बात में कंफ्यूज रहेगा कि कौन सी डिवाइस को पैकेट रिसीव करना है और किसको नहीं|
Can I block a MAC address? क्या किसी MAC address को block किया जा सकता है?
MAC address filtering जो है वो आपको इस बात के लिए allow करती है कि आप किसी मशीन अथवा डिवाइस से आ रहे ट्रैफिक को ब्लॉक कर सके|
Router जो है वो किसी भी डिवाइस अथवा कंप्यूटर को identify करने के लिए MAC address का उपयोग करता है और उनको नेटवर्क एक्सेस करने के लिए ब्लॉक अथवा परमिट करता है|
Why do hackers change MAC address? Hackers जो है वो MAC address को change क्यों कर लेते है?
actually में इसे हम MAC spoofing attack के नाम से भी जानते है |
इसमें hacker अपने डिवाइस के MAC address को बदलकर किसी दूसरे डिवाइस के जैसा कर देते है |
और ऐसा करके वो उस दूसरे यूजर को मिलने वाले authorized एक्सेस को ले लेता है |
और इसे हम Man -in -the -middle attack के नाम से भी जानते है|
Is the MAC address 32-bit or 48-bit? MAC address 32 bit का होता है या फिर 48 bit का?
MAC का फुल फॉर्म होता है medium access control , और यह address जो है वो 48 bit का होता है|
इस MAC address का उपयोग जो है वो दो hosts के बीच Ethernet environment में communication कराने का होता है|
इसका मतलब यह है कि यह address network card के firmware में स्टोर किया जाता है|
इस ब्लॉग(Medium Access Control In Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते a5theorys@gmail.com पर ईमेल लिख सकते है|
आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट ‘MAC In Hindi – Medium Access Control In Hindi’ को खूब एन्जॉय किया होगा|
आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|
आपका समय शुभ हो|