Supernetting In Hindi In Computer Network?

हेलो दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट(Supernetting In Hindi) में हम आपको Supernetting के बारे में हिंदी में जानकारी देंगे |

Supernetting(Supernetting In Hindi) का प्रोसीजर subnetting के प्रोसीजर का just opposite होता है |

Supernetting के अंदर कई सारे छोटे छोटे नेटवर्क को मिलाकर एक बड़ा Network अथवा supernet(Supernetting In Hindi) बनाया जाता है |

Supernetting(Supernetting In Hindi) का उपयोग हम route summarization के लिए करते है |

यहाँ पर वो सारे नेटवर्क रूट जो एक जैसे नेटवर्क prefix के होते है उन्हें combine करके एक सिंगल Routing entry की जाती है|

और यहाँ पर यह Routing entry सुपर नेटवर्क को पॉइंट करती है |

इससे होता यह है की Routing table की साइज घट जाती है|

और Routing updates जो कि Routing protocol द्वारा exchange किये जाते है की साइज भी कम हो जाती है |Supernetting In Hindi|

तो ऊपर दिए गए विस्तृत जानकारी से हम यह conclusion निकाल सकते है कि:Supernetting In Hindi

जब कई सारे नेटवर्क को combine करके एक बड़ा नेटवर्क बनाया जाता है तब हम इसे Supernetting कहते है |Supernetting In Hindi|

Supernetting का उपयोग route aggregation के लिए होता है जिससे कि हम Routing table की size को कम कर सके और Routing update की साइज को भी कम कर सके|

सुपरनेटटिंग करते समय आप कुछ important बातों को अपने दिमाग में रख सकते है :

सभी नेटवर्क contiguous होने चाहिए|
सभी नेटवर्क की ब्लॉक साइज same होनी चाहिए और वो भी 2pown में होनी चाहिए |
first नेटवर्क ID को supernet की पूरी साइज से exactly divisible होना चाहिए |

चलिए अभी भी आपको अगर ऊपर दिए डिस्क्रिप्शन से ज्यादा पिक्चर क्लियर नहीं हुई है|

तो फिर हम आपको एक example दे कर समझाते है जो कि नीचे दिया गया है |

Example:

यहाँ पर हम class C के चार स्माल नेटवर्क को assume करते है जो कि निम्नलिखित है :

200.1.0.0,
200.1.1.0,
200.1.2.0,
200.1.3.0

अब हमें इन सब को मिलकर एक बड़ा नेटवर्क फॉर्म करना है जिसकी एक ही नेटवर्क ID होगी|

Supernetting करने के पहले Routing table कुछ इस तरह से होगी:

Network IDSubnet MaskInterface
200.1.0.0 255.255.255.0 A
200.1.1.0 255.255.255.0 B
200.1.2.0 255.255.255.0 C
200.1.3.0 255.255.255.0 D
Routing table before supernetting:

तो यहाँ पर सबसे पहले हमें यह चेक करना है कि वो तीन कंडीशन satisfy हो रही है या नहीं जिन्हे हमने ऊपर देखा है |

सभी नेटवर्क contiguous होने चाहिए |

यहाँ पर साफ़ देख सकते है कि सभी नेटवर्क contiguous है क्योकि सभी कि साइज 256 host की है |

और जो फर्स्ट नेटवर्क की रेंज है वो है 200.1.0.0 to 200.1.0.255|

और यहाँ पर अगर आप first नेटवर्क के लास्ट IP एड्रेस में 1 ऐड करते है 200.1.0.255 + 0.0.0.1 तो आपको यहाँ पर next Network ID मिल जाएगी|

जो कि है 200.1.1.0 , और इसी तरह आप आगे के नेटवर्क भी चेक कर सकते है जो कि contiguous है |

सभी नेटवर्क की size बराबर होना चाहिए :

जैसे कि सभी नेटवर्क क्लास C के है तो यहाँ पर सभी की साइज 256 host की है जिसे आप 2pow8 से भी denote कर सकते है |

पहला IP address पूरे supernet के साइज से exactly divisible होना चाहिए|

जब भी कोई binary नंबर 2pown से डिवाइड किया जाता है तो जो लास्ट n बिट होती है वो remainder होती है |

तो यह prove करने के लिए कि IP एड्रेस पूरे सुपर नेटवर्क से divisible है उसके लिए लास्ट n V = bits 0 है कि नहीं |

और ऊपर दिए गए example में जो पहला IP एड्रेस है वो है 200.1.0.0 और जो पूरे सुपरनेट की साइज है वो है 4*2pow8 = 2pow10 |

ipaddressdivisible copy
IP Address Divisible Condition

और ऊपर दिए हुए चित्र में हम देख सकते है कि IP address की जो लास्ट 10 बिट्स है वो जीरो है जिन्हे highlight भी किया गया है |

इसलिए यहाँ पर हमारी तीसरी कंडीशन भी satisfy हो जाती है |

इसलिए यहाँ पर हम इन चारो नेटवर्क को मिलकर एक supernetwork बना सकते है | और नए सुपर नेटवर्क की ID होगी 200.1.0.0.

आईये अब देखते है कि Supernetting की Advantages और Disadvantages क्या क्या होती है :

Supernetting Advantages :

Network traffic को कण्ट्रोल करता है और reduce करता है |
IP address की कमी की प्रॉब्लम को भी solve करता है |
Routing table को minimize करता है |

Supernetting disadvantages :

जब नेटवर्क को combine किया जाता है तो Network के डिफरेंट डिफरेंट एरिया को कवर नहीं करता है |

सभी Network जिन्हे combine करना है वो same class के होने चाहिए और सभी IP address को contiguous होना चाहिए |

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Quick Q&A:

What is supernetting also called? supernetting ko aur kya बोलते है?

Supernet क्रिएट करने की प्रोसेस को हम supernetting कहते है |

और इसको हम route aggregation अथवा रूट summarization भी बोलते है |

What is subnetting and supernetting in networking? Networking में supernetting और subnetting की process क्या होती है?

Networks को subnetworks में डिवाइड करने की process को हम Subnetting कहते है |

जबकि supernetting में हम छोटे छोटे networks को combine करते है |

Subnetting में networks bits increase होते है |

जबकि supernetting में hosts addresses increase होते है |

What is the importance of supernetting? Supernetting का क्या importance होता है ?

Supernetting जो है वो internet पर नेटवर्क ट्रैफिक को काफी हद तक कम करती है |

Supernetting जो है वो routing table lookup की स्पीड को बढाती है |

चूकि यह routing information को summarized करके एक सिंगल एंट्री में कन्वर्ट कर देता है, इसलिए router memory टेबल…

… की साइज जो है वो decrease हो जाती है, जिससे काफी memory space save हो जाता है |

What is the difference between CIDR and supernetting? CIDR और Supernetting में क्या अंतर होता है ?

CIDR blocks जो है वो ऐसे addresses का groups होते है जो की same prefix शेयर करते है और बराबर bits number रखते है |

Sueprnetting जो है वो ऐसे कई सारे CIDR blocks का combination होती है |

और यह सभी common network prefix शेयर करते है |

और जो prefix का length होता है वह CIDR blocks का साइज होता है |

What is the difference between subnetting and supernetting and CIDR? Subnetting , Supernetting , और CIDR में क्या अंतर होता है ?

Subnetting में हम hosts bits को networks bits में transform करते है, और नेटवर्क बिट्स को increase करते है |

Supernetting में हम networks bits को hosts bits में कन्वर्ट करते है और hosts bits को बढ़ाते है |

What are the effects of supernetting on routing? Routing पर Supernetting का क्या effect होता है ?

Supernetting के अंतर्गत सभी routers की Routing table थोड़ी छोटी हो जाती है |

Supernetting के case में Routing decision बहुत जल्दी लिए जा सकते है |

प्रत्येक segment कैसे organize किया जाता है इस बात का main network router पर कोई फर्क नहीं पड़ता है |

What is the purpose of a supernet mask? Supernet mask का purpose क्या होता है?

Supernetting का उपयोग हम IP Routing table की साइज को reduce करने के लिए करते है |

इसके कारण network Routing efficiency भी improve होती है|

What is VLSM and CIDR? VLSM और CIDR क्या होते है?

CIDR को हम classless inter -domain Routing के नाम से जानते है |

VLSM को हम variable length subnet mask के नाम से जानते है |

Conclusion:

तो दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट(Supernetting In Hindi) के माध्यम से हमने जाना की Supernetting क्या होती है और हम Supernetting को कैसे implement करते है और इसके लिए जरुरी conditions कौन कौन सी होती है | Supernetting के अंतर्गत हम छोटे छोटे Network को मिलाकर एक बड़ा Network form करते है | Supernetting का प्रोसीजर subnetting के just opposite होता है |

इस ब्लॉग(Supernetting In Hindi) को लेकर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो आप हमें इस पते support@a5theory.comपर ईमेल लिख सकते है|

आशा करता हूँ, कि आपने इस पोस्ट(Supernetting In Hindi) को खूब एन्जॉय किया होगा|

आप स्वतंत्रता पूर्वक अपना बहुमूल्य फीडबैक और कमेंट यहाँ पर दे सकते है|Supernetting In Hindi|

आपका समय शुभ हो|

Anurag

I am a blogger by passion, a software engineer by profession, a singer by consideration and rest of things that I do is for my destination.